महिला उद्यमियों के लिए विशेष उद्योग नीति को मिली मंजूरी

महिला उद्यमियों के लिए विशेष उद्योग नीति को मिली मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-05 16:11 GMT
महिला उद्यमियों के लिए विशेष उद्योग नीति को मिली मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने महिला उद्यमियों के लिए विशेष उद्योग नीति को घोषित कर दिया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने महिला उद्योग नीति को मंजूरी दी। इसके अनुसार महिला उद्योग नीति से राज्य में 2 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। जबकि 1 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। इस नीति को लागू करने के लिए सरकार की तिजोरी पर 648.11 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। यह नीति पांच साल के लिए लागू रहेगा। प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने बताया कि देश में महिला उद्योग नीति को लागू करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य है। 

राज्य में उद्योग चलाती हैं 9 प्रतिशत महिलाएं
देश में एमएसएमई क्षेत्र में महिलाओं द्वारा उद्योग चलाने का प्रमाण 13.8 प्रतिशत है। जबकि महाराष्ट्र में केवल 9 प्रतिशत महिलाएं ही उद्योग चलाती हैं। देसाई ने बताया कि कंपनियों में 100 प्रतिशत पूंजी निवेश करने वाली महिला उद्यमियों को सरकार की तरफ से विभिन्न सहूलियत दी जाएगी। देसाई ने बताया कि सहकारिता कानून के अनुसार जिन सहकारी संस्थाओं में 100 प्रतिशत महिला उद्यमियों का समावेश होगा। ऐसी संस्थाएं सरकार की योजना के लिए पात्र होंगी। इसके अलावा पंजीकृत स्वयं सहायता बजट समूहों में 50 प्रतिशत महिला श्रमिक होने पर संबंधित समूहों को प्रोत्साहन के लिए पात्र समझा जाएगा। 

महिला उद्योग नीति की विशेषताएं 

  1. महिलाओं द्वारा विदर्भ, मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग में उद्योग शुरू करने में बिजली की प्रति यूनिट पर 2 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। जबकि बाकी के जिलों के उद्योगों के लिए प्रति यूनिट 1 रुपए सहूलियत दी जाएगी। 
  2. मॉल, व्यावसायिक केंद्र, बाजार हाट, रेलवे स्टेशन, बस डिपो, हवाई अड्डे, सिनेमा गृह, मंडियों में महिलाओं के लिए जगह आरक्षित करने में 25 प्रतिशत अधिमूल्य ले करके 10 से 15 प्रतिशत अतिरिक्त एफएसआई दी जाएगी। 
  3. नए पात्र सूक्ष्म, लघु व मझोले (एमएसएमई) उपक्रमों के लिए तहसील वर्गीकरण के अनुसार स्थिर पूंजी निवेश में 15 से 35 फीसदी की दर से 20 से 100 लाख रुपए तक का पूंजीगत अनुदान दिया जाएगा। उत्पाददन शुरू होने के बाद पांच समान वार्षिक किश्तोंप में अनुदान दिया जाएगा। 
  4. वित्तीय संस्थाओं से प्रत्यक्ष ब्याज दर या फिर 5 प्रतिशत। इसमें से जो कम होगा। उस दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। 
  5. महिला उद्यमियों को उत्पानद के विपणन व मुद्रा चिन्हक विकसित करने के लिए खर्च की राशि का 50 फीसदी और अधिकतम एक करोड़ रुपए तक की मदद की जाएगी। 
  6. प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए 50 हजार या फिर प्रदर्शनी स्थल की किराए की 75 प्रतिशत राशी दी जाएगी। अंतराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी के लिए 3 लाख रुपए की मदद की जाएगी।
  7. महिला कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि व राज्य श्रमिक कल्याण योजना में कंपनी योगदान की 50 फीसदी राशि अनुदान की पात्र होगी। 
  8. कम से कम 10 क्लस्टर उद्योग शुरू करने के लिए परियोजना खर्च की 90 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी। 

 

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