भगवा आतंकवाद कांग्रेस का शिगूफा : शाहू

भगवा आतंकवाद कांग्रेस का शिगूफा : शाहू

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-28 13:55 GMT
भगवा आतंकवाद कांग्रेस का शिगूफा : शाहू


डिजिटल डेस्क, मुंबई । करीब नौ साल के लंबे इंतजार के बाद साल 2008 के मालेगांव बम धमाके के मामले से बरी हुए  श्याम शाहू ने कहा है कि भगवा आतंकवाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा गढ़ा गया शिगूफा है। क्योंकि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता है। मुंबई की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत की ओर से मेरे मामले को लेकर दिया गया फैसला सत्य व न्याय की जीत है। इंदौर के रहनेवाले शाहू ने ‘ बताया कि साल 2008 में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने मुझे इंदौर से गिरफ्तार किया था। उस समय मैंने खुद को निर्दोष बताया था लेकिन एटीएस कांग्रेस नेताओं के इशारे पर काम कर रही थी और मेरी बात को पूरी तरह से अनसुना कर दिया गया था। नतीजन मुझे नौ साल जेल में बिताने पड़े। गिरफ्तारी से पहले एक मोबाइल शोरुम चलानेवाले  शाहू ने कहा कि एटीएस की गलत कार्रवाई ने न सिर्फ मेरा पारिवारिक जीवन नष्ट कर दिया बल्कि मेरा सामाजिक जीवन भी प्रभावित किया है, लेकिन कोर्ट ने अब मुझ पर लगे दाग को साफ कर दिया है। अब मैं दोगुने उत्साह से सामाजिक कार्य कर सकूगा।                                         
हिंदुत्व से नहीं हुआ मोहभंग
उन्होंने कहा कि मैं भविष्य में भी हिंदुत्व से जुड़े काम करता रहुंगा। पर इस बात का दुख रहेगा कि मेरे जीवन के नौ साल बेवजह बर्बाद हो गए। उन्होंने कहा कि हिंदुत्ववादी संगठनों को बदनाम करने के उद्देश्य से एटीएस ने मालेगांव मामले को लेकर कार्रवाई की थी। जो अदालत में नहीं टिक पाया

सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं
वहीं इस मामले से आरोप मुक्त हुए दूसरे आरोपी शिवनारायण कालसंग्रा ने कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता लेकिन पारजित नहीं। मेरी रिहाई इस बात का प्रमाण है। इंदौर के ही रहनेवाले कालसंग्रा ने कहा कि मुझे भी महाराष्ट्र एटीएस ने साल 2008 में गिरफ्तार किया था। मैंने एटीएस से अनुरोध किया था कि धमाके में मेरी कोई भूमिका नहीं थी। लेकिन राजनीतक द्वेष व भारतीय जनता पार्टी की ताकत को कम करने के लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई। बिजली के तार लगाने का ठेका लेने वाले कालसंग्रा ने कहा कि एटीएस ने हमारे खिलाफ गलत तरीके से मकोका लगाया था। ताकि हमे जमानत मिलने में देरी हो सके। लेकिन कहा जाता है न्यायालय में देर है अंधेर नहीं। आज मुझे इस पर यकीन हो गया है। उन्होंने कहा कि एटीएस की गलत कार्रवाई के चलते मेरे जीवन के नौ साल बर्बाद हो गए पर मैं अभी भी बगैर किसी डर के सामाजिक कार्य करता रहूंगा। गौरतलब है कि एनआईए कोर्ट ने बुधवार को दिए अपने महत्वपूर्ण फैसले में मालेगांव बम धमाके के तीन आरोपियों को सभी आरोपों से बरी दिया था। जिसमें कालसंग्रा, शाहू के अलावा प्रवीण टकलकी का समावेश है। 
 

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