तो क्या कांग्रेस-NCP के साथ नहीं जा सकती भगवाधारी शिवसेना, जानिए शिवसैनिकों की राय

तो क्या कांग्रेस-NCP के साथ नहीं जा सकती भगवाधारी शिवसेना, जानिए शिवसैनिकों की राय

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-19 15:06 GMT
तो क्या कांग्रेस-NCP के साथ नहीं जा सकती भगवाधारी शिवसेना, जानिए शिवसैनिकों की राय

अमित कुमार, मुंबई। केंद्र और राज्य में सत्ताधारी भाजपा की सहयोगी शिवसेना लगातार दावा कर रही है कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी, लेकिन अकेले दम पर चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी एकमत नहीं है। इसको लेकर शिवसैनिकों की अलग-अलग राय है। शिवसेना के स्थापना दिवस पर पार्टी की ओर से आयोजित शिविर में आए मुंबई के पदाधिकारियों ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को भाजपा के साथ राजनीतिक सौदेबाजी कर ताकत बढ़ानी चाहिए। जबकि नाशिक के येवला से आए पार्टी के कई पदाधिकारी और नगरसेवकों का कहना था कि शिवसेना के लिए अकेले चुनाव लड़ना फायदेमंद होगा।

गठबंधन को लेकर आम शिवसैनिकों की राय
मुंबई के एक पदाधिकारी ने तर्क देते हुए कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार शिवसेना को विपक्ष के गठबंधन में शामिल होने के लिए बुला रहे हैं लेकिन पवार पर भरोसा नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर शिवसेना और कांग्रेस दोनों दलों की विचारधारा दो छोर पर है। इसलिए दोनों दलों का तालमेल संभव नहीं है। जबकि कम्युनिस्ट पार्टियों का जनाधार राज्य में केवल कुछ ही इलाकों में है।

सबसे बड़ी बात यह है कि इन दलों के साथ शिवसेना का जाना पार्टी के लिए नुकसानदायक होगा, क्योंकि विपक्षी दलों के वोट शिवसेना को ट्रांसफर नहीं हो पाएंगे। ऐसे में शिवसेना के सामने भाजपा ही एक ऐसा दल है कि जिसके साथ पार्टी सहज रूप से जा सकती है। शिवसैनिकों का कहना था कि भाजपा को जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों के सीमा विवाद जैसे अहम मसले पर स्पष्ट रूख अपनाना चाहिए। इन मुद्दों को शिवसेना लगातार उठाती रही है।

एक करोड़ सदस्य बनाएगी शिवसेना
प्रदेश में आगामी चुनावों के मद्देनजर शिवसेना ने राज्य में एक करोड़ सदस्य बनाने का फैसला किया है। सदस्य पंजीयन की शुरुआत उद्धव ठाकरे ने की है। पार्टी हर बूथ पर 100 लोगों को जोड़ेगी। उद्धव ने कहा कि हमें मिस्ड कॉल वाले सदस्य नहीं चाहिए। शिवसेना के पदाधिकारी घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर लोगों को पार्टी से जोड़े। 

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