लड़की के साथ धक्का-मुक्की हुई तो बनेगा यौन उत्पीड़न का मामला, ये मिलेगी सजा

लड़की के साथ धक्का-मुक्की हुई तो बनेगा यौन उत्पीड़न का मामला, ये मिलेगी सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-02 15:51 GMT
लड़की के साथ धक्का-मुक्की हुई तो बनेगा यौन उत्पीड़न का मामला, ये मिलेगी सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीड़-भाड़ इलाके में महिला को बारबार धक्का देना यौन उत्पीड़न है। महानगर कि पास्को कोर्ट ने 14 साल की लड़की का पीछा करने के मामले में दिए आदेश में यह स्पष्ट कहा है। अदालत ने मामले में आरोपी 24 वर्षीय आरोपी सद्दाम शेख को दोषी ठहराते हुए एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी शेख की ओर से बचाव में दी गई, उस दलील को स्वीकार करने से इंकार कर दिया, जिसके तहत आरोपी शेख ने कहा था कि जिस जगह पीड़ित लड़की को धक्का लगा, वहां काफी भीड़ थी। अदालत ने कहा कि यदि आरोपी ने पीड़ित लड़की को एक बार धक्का मारा होता, तो माना जा सकता था कि गलती से धक्का लग गया होगा। लेकिन जब कोई व्यक्ति बार-बार इसे दोहराता है, तो समझ में आता है कि व्यक्ति का इरादा छेड़छाड़ का है।

बार-बार मारा धक्का

मामला 26 अगस्त 2015 का है। जब दो लड़कियां ट्युशन से घर लौट रही थीं। तब आरोपी ने पहले एक लड़की को कंधे पर धक्का मारा। कुछ दूर जाने के बाद उसने दूसरी लड़की को धक्का मारा। पहली बार दोनों लड़कियों ने इसे नजरअंदाज किया। लेकिन जब आरोपी ने दोबारा उन्हें धक्का मारा तो वो डर गई और उन्होंने शोर मचाकर लोगों को मदद के लिए बुलाया। इसके बाद वहां जुटे लोगों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पास्को कानून की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया।

लड़कियों ने आवाज उठाई

न्यायाधीश ने पीड़ित लड़कियों के बयान को स्वीकार करते हुए आरोपी को दोषी ठहराया और उसे एक साल के कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि आजकल नाबालिग लड़कियों के साथ इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। लेकिन डर के मारे इस तरह के मामले पुलिस तक नहीं पहुंचते। इस मामले में लड़कियों ने अपनी अवाज उठाई और लोगों ने आरोपी को घटना स्थल पर ही पकड़ लिया। आरोपी ने भी स्वीकार किया है कि वह घटना स्थल पर मौजूद था।

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