RTE: अंत तक सामने आई खामियां, अनेक एडमिशन से वंचित
RTE: अंत तक सामने आई खामियां, अनेक एडमिशन से वंचित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में शुरुआत से अंत तक रही खामियों का खामियाजा आवेदक भुगतते रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन भरने के दिन से शुरू हुई समस्याओं ने पहले ‘ड्रॉ’ की प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने तक पीछा नहीं छोड़ा। प्रवेश की अंतिम तारीख तक पालकों के मोबाइल पर एसएमएस मिलते रहे। ऐन वक्त पर एसएमएस मिलने से वेरिफिकेशन कमेटी तक नहीं पहुंच पाए और अनेक बालक प्रवेश से वंचित रह गए।
समय नहीं मिलने से हुई निराशा
पहले ‘ड्रॉ’ में नंबर आने वालों की प्रवेश प्रक्रिया 10 मई तक चली। पालकों ने बताया कि, उन्हें 7, 8 और 9 मई को एसएमएस मिले। एसएमएस मिलने पर पालक वेरिफिकेशन सेंटर पहुंचे। इस विषय पर वेरिफिकेशन कमेटी ने बैठक बुलाकर उन्हें प्रवेश के लिए दो दिन का अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया। अगले दिन से दो दिन लगातार अवकाश रहा। इस दौरान वेरिफिकेशन कमेटी का कामकाज बंद रहा। तीसरे दिन कमेटी का कामकाज बंद कर दिया गया। वेरिफिकेशन के लिए उन्हें समय नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी।
5,699 का चयन, 3,500 को प्रवेश
जिले के 675 स्कूलों में 7,402 सीटें आरटीई प्रवेश के लिए आरक्षित की गई थीं। इसमें से अनेक स्कूलों का विकल्प नहीं भरने से 5,699 सीटों का ‘ड्रॉ’ में चयन किया गया। इसमें से लगभग 3,500 सीटों पर बालकों को प्रवेश दिए गए। आरटीई अंतर्गत आरक्षित सीटों की लगभग 50 प्रतिशत सीटें रिक्त हैं। घर से स्कूल का अंतर नापने की प्रक्रिया में दोष, स्कूलों द्वारा अनावश्यक दस्तावेज तथा फीस की मांग किए जाने से अधिक विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह गए।
अब दूसरे ‘ड्रॉ’ में मौका नहीं
पहले ड्रॉ में नंबर आने पर स्कूल में दाखिला नहीं लेने वालों के नाम प्रक्रिया से हटा देने का नियम बनाया गया है। प्रवेश प्रक्रिया में गलतियों से अनेक बालक प्रवेश से वंचित रह गए। उनके नाम प्रक्रिया से हटाए जा सकते हैं। इसमें उनकी कोई गलती नहीं है, फिर भी दूसरे ‘ड्रॉ’ में उनके नाम शामिल होने की कोई गुंजाइश नहीं रही।
पालकों की गलती है
ड्रॉ में नंबर आने पर वेरिफिकेशन कराना पालकों की जिम्मेदारी थी। समयसीमा में उन्होंने जिम्मेदारी नहीं निभाई। यह पालकों की गलती है। एक स्कूल ने बंद करने का पत्र दिया है। वह स्कूल आवंटित किए गए बालकों को प्रवेश दिलाने के लिए वरिष्ठों को पत्र भेजा गया है, जो निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। -चिंतामण वंजारी, जिला शिक्षणाधिकारी (प्राथ.), जिप, नागपुर