अभी तक नहीं सुलझ सका कांग्रेस-एनसीपी का सीट बंटवारा
अभी तक नहीं सुलझ सका कांग्रेस-एनसीपी का सीट बंटवारा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए सोमवार से नामांकन पत्र जमा करने की शुरुआत होगी, लेकिन अभी तक कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस (राकांपा) के बीच सीट बंटवारे पूरा नहीं हो सका है। अभी भी कुछ सीटों की अदला-बदली का पेंच नहीं सुलझ सका है। छोटे मित्र दलों के लिए सीट देने को लेकर भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बुरी पराजय के बाद इस बार काफी पहले से तय हो गया था कि कांग्रेस-राकांपा एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए जल्द सीट बंटवारा कर चुनाव प्रचार में जुटने का फैसला लिया गया था। पर अभी तक दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का मसला पूरी तरह से नहीं निपट सका है। औरंगाबाद सीट कांग्रेस कोटे की है, लेकिन राकांपा यहां से अपने उम्मीदवार सतीश चव्हाण को लड़ाना चाहती है। कांग्रेस कोटे वाली रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट राकांपा को देकर यहां से नारायण राणे के बेट निलेश राणे को समर्थन देने की चर्चा है। फिलहाल इस सीट को लेकर आघाडी में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग के बदले राकांपा रावेर सीट कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है। सांगली सीट स्वाभिमान शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी के लिए छोड़े जाने का फैसला हुआ है, लेकिन स्थानिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते अभी तक इसकी अधिकृत घोषणा नहीं हो सकी है। सीट बंटवारे में अस्पष्टता के चलते कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम भी तय नहीं हो पा रहे हैं।
अहमदनगर में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील के बेटे डा सुजय विखे पाटील के भाजपा में जाने के बाद राकांपा पर यहां से मजबूत उम्मीदवार उतारने का दबाव है, लेकिन राकांपा अभी तक यहां के लिए किसी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं कर सकी है। फिलहाल विधायक अरुण जगताप अथवा उनके बेटे संग्राम जगताप का नाम चर्चा में है। कांग्रेस कोटे की जालना सीट के लिए भी कांग्रेस उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर पा रही है। क्योंकि पार्टी जालना से चुनाव लड़ने के लिए अड़े शिवसेना नेता व राज्य मंत्री अर्जुन खोत का इंतजार कर रही है। चंद्रपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए शिवसेना विधायक बालू धानोरकर इच्छुक हैं, लेकिन स्थानिय कांग्रेस नेता उनके विरोध में हैं।
उत्तर मुंबई सीट तो कांग्रेस के गले की हड्डी बन गई है। यहां से पार्टी को कोई उम्मीदवार ही नहीं मिल रहा है। हिंगोली के कांग्रेस सांसद राजीव सातवे इस बार चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। अब यहां से किसको खड़ा किया जाए यह प्रश्नचिन्ह भी कांग्रेस के सामने है। पुणे लोकसभा सीट के लिए भी कांग्रेस के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है। भाजपा सांसद संजय काकडे कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक हैं, लेकिन इस बावत भी अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। इसके अलावा अकोला, शिर्डी व पालघर सीट के लिए भी कांग्रेस के पास उम्मीदवार को टोटा है। कांग्रेस सूत्रों सोमवार तक महाराष्ट्र के कुछ कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे।