बीईओ की गलती का खामियाजा भुगत रहे स्टूडेंट्स, नहीं मिली पाठ्यपुस्तकें

बीईओ की गलती का खामियाजा भुगत रहे स्टूडेंट्स, नहीं मिली पाठ्यपुस्तकें

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-03 07:45 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कूल खुले दो महीने से अधिक कालावधि बीत गई, लेकिन अब तक हिंगना तहसील में पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी हिंदी के पुस्तक से वंचित हैं। बीईओ बालभारती से पुस्तक की मांग करना भूल गए। अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए बीईओ ने केंद्र प्रमुखों के माध्यम से विद्यार्थियों को पुरानी पुस्तक उपलब्ध कराने का मुख्याध्यापक, शिक्षकों को फरमान जारी किया है। मामले में कोई भी वरिष्ठ अधिकारी गंभीर नहीं है। बीईओ की गलती का खामियाजा विद्यार्थी भुगत रहे हैं।

समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत सरकार स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं के विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले सभी पंचायत समितियों के बीईओं अपने अधीनस्थ स्कूलों में विद्यार्थी संख्या के आधार पर बालभारती से पुस्तकों की मांग करते हैं। मांग के अनुसार बालभारती द्वारा पंचायत समितियों को पुस्तकों की आपूर्ति की गई। हिंगना पंचायत समिति के बीईओ पांचवीं कक्षा के हिंदी के पुस्तकों की मांग करना भूल गए।

स्कूल खुलने पर विद्यार्थियों को पुस्तकों का वितरण किया गया। पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को हिंदी की पुस्तक नहीं मिली। पालकों के समझ में बात आई तो उन्होंने स्कूलों से संपर्क किया। पुस्तकें उपलब्ध नहीं रहने से बाद में देने का बहाना बनाया गया। डेढ़ महीने तक जब पुस्तक नहीं मिली, तो बात जिला परिषद तक पहुंच गई। जिला परिषद में खलबली मचने पर प्राथमिक शिक्षणाधिकारी ने बीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। पालकों की शिकायतें बढ़ने पर बीईओ ने अपली गलती पर पर्दा डालने के लिए पुराने पुस्तक विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने का केंद्र प्रमुखों के माध्यम से मुख्याध्यापक और शिक्षकों को फरमान जारी किया है। पुस्तक नहीं मिलने पर शिकायत नहीं करने की ताकीद दिए जाने की जानकारी मिली है। 

महाराष्ट्र शिक्षक परिषद से भी निराशा
हिंगना तहसील में पांचवीं कक्षा में 1870 विद्यार्थी है। विद्यार्थियों को हिंदी की पुस्तक नहीं मिलने पर महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षण परिषद से पुस्तकाें की आपूर्ति करने की मांग की गई। महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षक परिषद से अभी तक पुस्तक आपूर्ति की हामी नहीं भरी गई है। विद्यार्थियों के शैक्षणिक नुकसान की भरपाई करने जिला परिषद की ओर से भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। 

अधिकारी पर मेहरबानी
बीईओ की गलती से विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। वहीं इस गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। विद्यार्थियों के भविष्य से खेल रहे अधिकारी पर वरिष्ठ अधिकारी और सरकार मेहरबान है।
 

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