मौत के बाद भी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी नहीं दे रही नाॅमिनी को भुगतान

आरोप: सारे दस्तावेज देने के बाद भी किया जा रहा गोलमाल मौत के बाद भी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी नहीं दे रही नाॅमिनी को भुगतान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-03 11:11 GMT
मौत के बाद भी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी नहीं दे रही नाॅमिनी को भुगतान

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पॉलिसी धारक का क्लेम किस आधार पर रोकना और केस कैसे रिजेक्ट करना यह पूरा गोलमाल क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के द्वारा पहले से तय कर लिया जाता है। यह आरोप बीमितों के द्वारा लगाया जा रहा है। बीमा कंपनी में सारे तथ्य देने के बाद भी बीमा कंपनी के जिम्मेदार पॉलिसी धारक को भटकाने व आश्वासन के बाद नो क्लेम का लेटर भेजकर शांत बैठ जाते हैं। यही नहीं पॉलिसी धारक की मौत हो जाए तो भी नियमानुसार भुगतान देने में गोलमाल बीमा कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। नाॅमिनी बीमा कंपनी को मेल भेजे या फिर टोल फ्री नंबर में बात करे तो भी बीमा कंपनी के अधिकारी किसी तरह का जवाब नहीं देते हैं। अपना व परिवार का बीमा कराने वाले अब तो सीधे आरोप लगा रहे हैं कि बीमा कंपनियाँ लाभ का धंधा बनाकर आम लोगों के साथ ठगी कर रही हैं। बीमा कंपनी के जिम्मेदारों के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज होना चाहिए जिससे आम लोगों को किसी तरह कि परेशानी का सामना न करना पड़े।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

हार्ट अटैक से मौत होने के कारण हुई थी पॉलिसी धारक की मौत

मप्र के डिंडौरी जिला वार्ड क्रमांक-13 निवासी योगेश पाराशर ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके पिता पीडब्ल्यूडी में कार्यरत थे। उनके द्वारा बैंक के माध्यम से एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कराया गया था। पॉलिसी क्रमांक वनके 64295904 का कार्ड भी बीमा कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराया गया था। पॉलिसी लेने के एक माह बाद अप्रैल 2022 में पिता समारू सिंह पाराशर को सीने में दर्द होने के कारण अस्पताल लेकर गए। उपचार के दौरान पिता की मौत हो गई और चिकित्सकों ने बताया कि आपके पिता की हार्ट अटैक आने के कारण मृत्यु हुई है। पिता की मौत के कुछ दिनों बाद बैंक के माध्यम से सारे दस्तावेज बीमा कंपनी में सबमिट किए गए। वहाँ पर यह कहा गया कि आपको जल्द ही सारा भुगतान मिल जाएगा।

बीमा कंपनी ने पहले अनेक प्रकार के प्रश्न पूछे और उसके बाद उनकी पॉलिसी रिजेक्ट कर दी। पॉलिसी रिजेक्ट करने का कारण पूछा गया तो एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया जा रहा है। पीड़ित का आरोप है कि हमारे साथ बीमा कंपनी के द्वारा धोखा किया गया है। सैकड़ों लोग इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे हैं और जिम्मेदार विभाग किसी तरह का एक्शन नहीं लेता है। वहीं बीमा कंपनी से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया जा रहा है।

 

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