टाइगर की पहली पसंद बने सरभंगा के जंगल, बाघों का मूवमेंट

सतना टाइगर की पहली पसंद बने सरभंगा के जंगल, बाघों का मूवमेंट

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-15 05:07 GMT
टाइगर की पहली पसंद बने सरभंगा के जंगल, बाघों का मूवमेंट

डिजिटल डेस्क, सतना। जिले के मझगवां वन परिक्षेत्र के सरभंगा के जंगल जहां टाइगर की पहली पसंद बन चुके हैं, वहीं बाघों के इन प्राकृतिक रहवासों को ज्यादा से ज्यादा संरक्षित और संवद्र्धित करने के लिए वन विभाग भी वाइल्ड लाइफ सेंच्युरी की राह में आ रहीं सभी बाधाएं तेजी से दूर कर रहा है। जिले के वन मंडलाधिकारी विपिन पटेल ने बताया कि वन ग्राम समितियों के माध्यम से आईं आपत्तियों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शासन स्तर पर जल्दी ही सरभंगा सर्किल के चयनित क्षेत्र को वन्य जीव अभ्यारण्य की सौगात मिल जाएगी। वाइल्ड लाइफ सेंच्युरी के प्रस्ताव में सरभंगा फारेस्ट सर्किल की १२ बीटों के १३ हजार ९२५ .९७९ हेक्टेयर वन क्षेत्र को शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है, वर्ष 2016 में तबके सीएफ  आरबी शर्मा ने सर्वप्रथम कार्ययोजना बनाई थी। वाइल्ड लाइफ की टीम स्थल निरीक्षण कर चुकी है।  ग्रास लैंड विकसित करने की योजना पर भी काम चल रहा है। 
प्राकृतिक रहवास : कुनबे में हैं १५ से भी ज्यादा बाघ:----
मझगवां वन परिक्षेत्र के पौराणिक,धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व के सरभंगा वन क्षेत्र में बाघों की बढ़ती दिलचस्पी का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि मौजूदा समय में इस वनांचल में १५ से भी ज्यादा बाघों का मूवमेंट है। वन्य प्राणी मामलों के जानकारों की मानें तो  प्राकृतिक रहवास इतना अनुकूल है कि टाइगर रिजर्व पन्ना नेशनल पार्क के टाइगर और टाइग्रेस की आवाजाही भी इस क्षेत्र में निरंतर बनी रहती है। नेशनल पार्क से सरभंगा के जंगल नेचुरल कॉरीडोर का हिस्सा हैं। कहते हैं, वर्ष २०११ में पन्ना टाइगर रिजर्व से आई टाइगे्रस पी-२१३ (२२) से यह कुनबा बढ़ा। 
 खनिज माफिया की नींद उड़ी :-----
 उधर, सरभंगा सर्किल के १२ बीटों के ४३  कम्पार्टमेंट  के १३ हजार ९२५ .९७९ हेक्टेयर वन क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ सेंच्युरी के प्रस्ताव के बाद इलाके में वर्षों से सक्रिय खनिज माफिया की नींद उड़ गई है। असल में जंगल के वन्य जीव विचरण क्षेत्र में बाक्साइड ,लेटेराइट और कम्पोजिट मिनरल्स की लगभग ८ बड़ी खदानें हैं। इनमें से महज एक खदान संचालित है। जबकि सरभंगा आश्रम से कुछ ही फासले पर स्थित बाक्साइड की एक खदान के लिए इनवायरमेंट क्लीयरेंस (ईसी) और उत्खनन अनुमति हासिल करने की नाकाम कोशिश चल रही है। जानकारों ने बताया कि प्रस्तावित सरभंगा वाइल्ड लाइफ सेंच्युरी के वनक्षेत्र से लगी ६ और खदानें  भी हैं,जो वन विचरण क्षेत्र में स्थित हैं। चित्रकूट के संत समाज का भी मानना है कि श्रीराम पथ गमन पर चौतरफा अवैध उत्खनन पर लगाम  वन्य जीव अभ्यारण्य  की स्थापना से ही लग सकेगी। 
 फैक्ट फाइल :-----
 + सरभंगा वाइल्ड लाइफ सेंच्युरी   
  वन परिक्षेत्र : मझगवां 
    बीट :१२ 
   कम्पार्टमेंट : ४३ 
  प्रस्तावित वन क्षेत्र :१३ हजार ९२५ .९७९ हे.
  संरक्षित वन क्षेत्र : २९  
  आरक्षित वन क्षेत्र : १४  
 इनका कहना है :-----
वन्य प्राणी विचरण क्षेत्र सरभंगा की १२  बीट के १३ हजार ९२५ .९७९ हेक्टेयर वन क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ सेंच्युरी प्रस्तावित की गई है। इस संबंध में वनग्राम समितियों से आई आपत्तियों के निराकरण के लिए सर्वेक्षण कराया जा रहा है। जल्दी ही सौगात मिलेगी। 
 

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