खुदकुशी रोकने के लिए मंत्रालय में लगी सेफ्टी नेट, विपक्ष ने पूछा- क्या यही है विकास का मॉडल

खुदकुशी रोकने के लिए मंत्रालय में लगी सेफ्टी नेट, विपक्ष ने पूछा- क्या यही है विकास का मॉडल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-12 15:54 GMT
खुदकुशी रोकने के लिए मंत्रालय में लगी सेफ्टी नेट, विपक्ष ने पूछा- क्या यही है विकास का मॉडल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सजायाफ्ता कैदी हर्षल रावते के मंत्रालय इमारत कि पांचवीं मंजिल से कूद करके आत्महत्या करने की घटना के बाद प्रदेश सरकार सजग हो गई है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मंत्रालय बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर सेफ्टी नेट (सुरक्षा जाल) लगा दिया गया है। हालांकि विपक्ष इसकी यह कह कर आलोचना कर रहा है कि इस सरकार ने जाल लगा कर मंत्रालय को सर्कस बना दिया है।

आत्महत्या के बाद सतर्क हुई सरकार
सोमवार को मंत्रालय की नई इमारत की दूसरी मंजिल पर सेफ्टी नेट लगाने की शुरुआत की गई। देर शाम तक मंत्रालय की नई इमारत के त्रिमूर्ति प्रांगण में आधी जगहों पर सेफ्टी नेट लगाने का काम पूरा कर लिया गया था। गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इमारत की दूसरी मंजिल पर सेफ्टी नेट लगाया जाएगा। इमारत के खंभों पर सेफ्टी नेट को बांधा जा रहा है। सेफ्टी नेट के लिए नायलॉन की रस्सी का इस्मेमाल किया गया है। इस सेफ्टी नेट की वजन क्षमता 100 किलो से ज्यादा है।

खुदकुशी न कर सके इस लिए लगी सेफ्टी नेट
सूत्रों के अनुसार सेफ्टी नेट लगाने के लिए करीब चार लाख रुपए खर्च होंगे। मंत्रालय की इमारत सात मंजिल की है। यदि कोई व्यक्ति मंत्रालय के उपरी मंजिल से कोई चीज नीचे फेंकेगा तो वह चीज सीधे मंत्रालय के तल मंजिल पर गिरने के बजाय दूसरी मंजिल के सेफ्टी नेट पर गिरेगी।

बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था
दूसरी तरफ मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। मंत्रालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा मंत्रालय की नई इमारत की हर मंजिल पर दो से तीन पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। मंत्रालय की छठीं मंजिल पर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के आसपास ज्यादा पुलिस बल लगाया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के बगल में प्रदेश के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर का दफ्तर है। कृषि मंत्री के दफ्तर में आने के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है, क्योंकि पुलिस बिना पूछताछ के छोड़ नहीं रही है।

गले में लटकाना होता है पास
मंत्रालय में आने वालों को प्रवेश पास दिया जाता है। उस पास को गले में लटकाना होता है। प्रवेश पास पर लिखा होता है कि आगंतुक को किस मंजिल पर जाना है। यदि कोई आगंतुक गलती से किसी दूसरी मंजिल पर चला जाता है तो उसे पुलिस वाले रोक लेते हैं। इससे मंत्रालय आने वाले लोगों के लिए अब परेशानी खड़ी हो रही है।

क्या यह है फडणवीस सरकार के विकास का मॉडल?
विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि औरंगाबाद के पैठण की ओपन जेल के कैदी रावते ने पैरोल पर छूटने के दौरान 8 फरवरी को मंत्रालय की पांचवी मंजिल से कुदकर आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा धुलिया के किसान धर्मा पाटील के मंत्रालय में जहर पीने के बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। मंत्रालय सर्कस का जाल बन गया है। क्या यह है फडणवीस सरकार के विकास का मॉडल?

Similar News