सुरक्षा ऑडिट: चित्रकूट में विद्युत करंट तो मैहर में आग से खतरा
सतना सुरक्षा ऑडिट: चित्रकूट में विद्युत करंट तो मैहर में आग से खतरा
डिजिटल डेस्क ,सतना। धार्मिक आस्था के केन्द्र चित्रकूट और मैहर में सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने समेत व्यवस्था में आवश्यक सुधार की कार्ययोजना बनाने के मकसद से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने दोनों ही स्थानों का भ्रमण कर स्थितियों का जायजा लिया। इस सम्बंध में एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर वार्षिक सुरक्षा ऑडिट के तहत गुरूवार को चित्रकूट के कामदगिरि परिक्रमा मार्ग, प्रथम व द्वितीय मुखारबिन्द, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया, हनुमान धारा एवं मंदाकिनी नदी के घाटों का दौरा कर निरीक्षण किया गया। वहीं इससे पूर्व बुधवार को मां शारदा मंदिर सहित मेला क्षेत्र का भ्रमण कर भौतिक स्थितियों का अवलोकन किया गया। इस दल में पुलिस अधीक्षक के साथ इंटेलीजेंस ब्यूरो व जिला बल की स्पेशल ब्रांच के अधिकारी, राजस्व, विद्युत, नगरीय निकाय एवं अग्नि शमन विभाग के अफसरों समेत मंदिरों के महंत शामिल थे। चित्रकूट के भ्रमण में मझगवां एसडीएम पीएस त्रिपाठी, चित्रकूट एसडीओपी प्रभा किरण किरो, टीआई संतोष तिवारी समेत मंदिरों के महंत व नगर परिषद के सीएमओ मौजूद रहे, तो मैहर में धीरेन्द्र मिश्र, एसडीओपी हिमाली सोनी, नगर पालिका के सीएमओ जीतेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
चित्रकूट- भगवान राम की तप स्थली के रूप में प्रसिद्ध चित्रकूट में तीर्थ स्थानों पर प्रमुख रूप से बिजली के तारों से करंट फैलने का खतरा सामने आया, तो प्रथम मुखारबिन्द से बाहर निकलने का सकरा रास्ता, परिक्रमा मार्ग में कई स्थानों पर बॉटल नेक जैसी स्थिति, हनुमान धारा पहाड़ी में क्षरण एवं जल के रिसाव की समस्या पाई गई।
मैहर- मां शारदा शक्तिपीठ मैहर के निरीक्षण में आग लगने के खतरे समेत करंट फैलने एवं भगदड़ की स्थिति बनने की समस्या मिली, तो कई स्थानों पर अतिक्रमण भी पाया गया। जिसके समाधान के लिए फायर और इलेक्ट्रिक सिटी ऑडिट की आवश्यकता बताई गई है।
ये आए सुझाव ---
सुरक्षा ऑडिट के दौरान चित्रकूट और मैहर में सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने, प्रमुख मंदिरों के प्रवेश और निकास द्वारों पर मेटल डिटेक्टर एवं बैगेज स्केनर लगाने, दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए ज्यादा से ज्यादा एलईडी स्क्रीन लगाने और चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के घाटों पर स्थायी बेरिकेट व चेन लगाने के सुझाव दिए गए। दोनों ही स्थानों में मिली समस्याओं और सुझावों को शामिल करते हुए एक संयुक्त रिपोर्ट शीघ्र ही राज्य सरकार के गृह मंत्रालय सहित केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी।