RTI खुलासा : नोटबंदी के बाद पकड़ा गया 997 करोड़ का ब्लैकमनी

RTI खुलासा : नोटबंदी के बाद पकड़ा गया 997 करोड़ का ब्लैकमनी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-25 14:41 GMT
RTI खुलासा : नोटबंदी के बाद पकड़ा गया 997 करोड़ का ब्लैकमनी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नोटबंदी के बाद ऑपरेशन क्लीनमनी के तहत वित्तवर्ष 2017-18 में 997.17 करोड़ रुपए जब्त किए हैं। यह रकम विभिन्न छापे और तलाशी अभियानों के दौरान बरामद हुई थी। सूचना के अधिकार (RTI ) के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने यह जानकारी दी है। हैरानी की बात यह है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई का दम भर रही है, लेकिन कालेधन और करचोरी से जुड़े मामलों में एफआईआर के प्रावधान ही नहीं है। 

RTI कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे ने ऑपरेशन क्लीनमनी के तहत उठाए गए कदमों और जब्त किए गए कालेधन से जुड़ी जानकारी मांगी थी। जवाब में CBDT ने बताया है कि वित्तवर्ष 2017-18 में फरवरी महीने तक सिर्फ 11120 जगहों पर सर्वे किया था। घाडगे ने RTI के तहत उन लोगों की भी जानकारी मांगी थी, जिनके खिलाफ सरकार ने ऑपरेशन ब्लैकमनी के दौरान आपराधिक मामले दर्ज किए थे लेकिन यह जानकारी अलग से उपलब्ध न होने का हवाला दिया गया।

एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान नहीं
वहीं मामले में दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारियों का जवाब और हैरान करने वाला है। CBDT ने बताया है कि आयकर और कालेधन के खिलाफ बने कानूनों में एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान ही नहीं है। जिससे साफ है कि कालेधन के मामले में न हो कोई एफआईआर दर्ज की गई है ना ही कोई गिरफ्तारी हुई है।

इससे पहले वित्तमंत्रालय ने 30 अगस्त 2017 को एक विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी थी कि 13.3 लाख खातों में 2.89 लाख करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। जिनकी जांच चल रही है। नवंबर 2016 से मई 2017 के बीच 17526 करोड़ रुपए अघोषित आय का पता लगाकर 10003 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे।

घाडगे के मुताबिक RTI से मिले जवाबों के बाद साफ है कि नोटबंदी का कोई फायदा नहीं हुआ है। हालांकि वित्त मंत्रालय के अधिकारी इसे लेकर बड़े बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन पकड़े गए 997 करोड़ रुपए भ्रष्टाचार के समंदर की एक बूंद भी नहीं है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान करते हुए दावा किया था कि यह भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ एक बड़ा फैसला है। 

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