आरटीई प्रवेश : आरटीई अंतर्गत निजी स्कूलों में 42 प्रतिशत सीटें रहेंगी रिक्त

आरटीई प्रवेश : आरटीई अंतर्गत निजी स्कूलों में 42 प्रतिशत सीटें रहेंगी रिक्त

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-17 11:44 GMT
आरटीई प्रवेश : आरटीई अंतर्गत निजी स्कूलों में 42 प्रतिशत सीटें रहेंगी रिक्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई अंतर्गत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर 58 प्रतिशत बालकों के प्रवेश निश्चित हुए हैं। प्रवेश की अंतिम तिथि 15 सितंबर को समाप्त होने से 42 प्रतिशत सीटें रिक्त रह गईं हैं। जिले के 680 स्कूलों में 6784 सीटें आरटीई के लिए आरक्षित की गई थीं, जिसमें से 6685 बालकों का ड्रॉ निकाल कर चयन किया गया। ड्रॉ निकालने से पहले ही 99 सीटों के लिए किसी ने स्कूल का ऑप्शन नहीं भरने से कम हो गई थी। किया गया बदलाव ‘ड्रॉ’ में चयनित बालकों की प्रवेश प्रक्रिया 1 जुलाई से आरंभ हुई। कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव किया गया। जिस स्कूल में नंबर लगा है, उसी स्कूल में दस्तावेज जमा कर प्रोविजनल एडमिशन देकर दस्तावेज वेरिफिकेशन कमेटी के पास भेजने के स्कूलों को निर्देश दिए गए। 3976 बालकों के दस्तावेजों का वेरिफिकशन कर प्रवेश निश्चित किया गया है।

नहीं हुआ वेरिफिकेशन
4714 बालकों का स्कूलों में प्रोविजनल एडमिशन किया गया। इसमें से 3976 बालकों का एडमिशन हो चुका है। प्रवेश की तिथि समाप्त होकर भी अनेक बालकों का डाक्यूमेंट वरिफिकेशन नहीं होने से वे प्रवेश से वंचित रह गए हैं। ये डाक्यूमेंट, वेरिफिकेशन कमेटी के पास अटके रह गए।

31 हजार आवेदन भरे गए
जिले में 6784 सीटों के लिए 3144 पालकों ने आवेदन भरे थे। 17 मार्च को ‘ड्रॉ’ निकाला गया, जिसमें 6685 बालकों का चयन किया गया। एक सप्ताह बाद लॉकडाउन लगने से प्रवेश प्रक्रिया ठप रही। 1 जुलाई से पुन: प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई। प्रवेश की अंतिम ितथि 31 अगस्त थी। इसे 15 िसतंबर तक बढ़ाया गया था।

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