निजी अस्पतालों ने 75 फीसदी कोरोना मरीजों से वसूले अधिक बिल

सर्वेक्षण में हुआ खुलासा निजी अस्पतालों ने 75 फीसदी कोरोना मरीजों से वसूले अधिक बिल

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-29 16:42 GMT
निजी अस्पतालों ने 75 फीसदी कोरोना मरीजों से वसूले अधिक बिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निजी अस्पतालों के बिल को लेकर लोगों की हमेशा से शिकायत रहती है पर कोरोना महामारी में इस तरह की शिकायतों में बढ़ोतरी हुई है। एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित 75 प्रतिशत से अधिक रोगियों से निजी अस्पतालों ने अधिक बिल वसूले। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे कार्यकर्ताओं के संगठन जन आरोग्य अभियान के डॉ. अभय शुल्का ने बताया कि सर्वेक्षण का हिस्सा बने रोगियों में करीब आधे रोगियों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी। 

शुक्ला ने कहा कि हमने 2579 रोगियों के मामलों का सर्वेक्षण किया उनके रिश्तेदारों से बातचीत की और अस्पताल के बिलों का ऑडिट किया। उनमें से करीब 95 प्रतिशत निजी अस्पतालों में भर्ती कराये गये थे। डॉ. शुक्ला ने कहा कि हमने पाया कि 75 प्रतिशत रोगियों के उपचार में अधिक शुल्क वसूला गया। औसतन 10 हजार से एक लाख रूपये तक अधिक बिल वसूला गया। उनमें से ज्यादातर रोगी महामारी की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती कराये गये थे।

डॉ. शुक्ला ने दावा किया कि रोगियों में कम से कम 220 ऐसी महिलाएं थीं जिन्होंने वास्तविक बिल से एक लाख से लेकर दो लाख रूपये तक अधिक बिल जमा किया जबकि 2021 मामलों में रोगियों या उनके रिश्तेदोरों ने दो लाख अधिक रूपये दिये। उन्होंने कहा कि वैसे तो महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की थी कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 के उपचार की दर निश्चित होगी लेकिन सरकारी निर्देश धूल फांकते रहे। उन्होंने कहा कि कई रोगियों एवं उनके परिवारों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया, उन्हें बिल के निपटान के लिए गहने बेचने पड़े, रिश्तेदार से कर्ज लेना पड़ा तथा यहां तक कि साहूकार से भी उधार लेने पड़े।

कोविड-19 से उबरने के बाद म्यूकोर्मायोसिस की चपेट में आने पर अपने पति को गंवा चुकी सीमा भागवत ने कहा कि वह 38 दिनों तक अस्पताल में थे और उन्हें 16 लाख रूपये का बिल थमा दिया गया। सीमा ने कहा ने कहा कि अभी तक मैंने बैंक को तीन ईएमआई चुकायी। बैंक कर्ज के लिए बीमा कवर था लेकिन मैं देर से पहुंची तो वे मेरे दावे से इनकार कर रहे हैं। वे मुझसे कैसे उम्मीद कर सकते है कि जिस दिन मेरे पति की मौत हुई, उस दिन मैं मृत्यु प्रमाणपत्र जमा करा दूं।

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