खुलासा : जानलेवा साबित हो रहा स्टेंट का ज्यादा इस्तेमाल, बस मुनाफा काट रहे हैं डॉक्टर

खुलासा : जानलेवा साबित हो रहा स्टेंट का ज्यादा इस्तेमाल, बस मुनाफा काट रहे हैं डॉक्टर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-09 12:47 GMT
खुलासा : जानलेवा साबित हो रहा स्टेंट का ज्यादा इस्तेमाल, बस मुनाफा काट रहे हैं डॉक्टर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी स्वास्थ्य योजना के तहत बायपास सर्जरी के दौरान ब्लॉकेज ठीक करने के लिए इस्तेमाल होन वाले चिकित्सा उपकरण स्टेंट के अधिक इस्मेताल की चलते लोगों की जान जा रही है। डाक्टर मुनाफे के लिए एक से अधिक स्टंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे ह्दृय रोग के मरीजों की मौत हो रही है। राज्य सरकार द्व्रारा कराए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

हार्ट के मरीजों को ब्लाकेज की समस्या होने पर आपरेशन कर स्टंट लगाया जाता है। 2012 में राज्य सरकार की राजीव गांधी जीवनदायी योजना (अब इसका नाम महात्मा फुले जन आरोग्य योजना है) में इस तरह के आपरेशन को भी शामिल किया गया था। इस योजना के तहत राज्य के गरीब व कम आय वाले मरीज अपना इलाज सरकारी व निजी अस्पतालों में मुफ्त में करा सकते हैं। 

मुनाफे के लिए डॉक्टर कर रहे जान के साथ खिलवाड़
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की एक टीम द्व्रारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मरीजों को एक से अधिक स्टंट लगाने की वजह से उनकी सेहत पर बुरा असर हुआ। इसकी वजह से कई मरीजों की मौत भी हुई है। दरअसल राज्य सरकार इस योजना पर काफी पैसे खर्च करती है। आम लोगों को इस योजना का कितना लाभ हो रहा, इसकी जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग की तत्कालिन सचिव मीता लोचन ने अध्यन कराने का फैसला लिया था।

इस अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि इस योजना के तहत होने वाले हार्ट के आपरेशन के दौरान जरूरत न होने पर भी स्टंट लगाए गए। अध्ययन करने वाली AIIMS की टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्लाकेज ठीक करने के लिए हमेशा स्टंट लगाने की जरूरत नहीं होती, दवाओं से भी रोगी ठीक हो सकता है। जरूरत न होने पर भी आपरेशन और स्टंट लगाए जा रहे हैं। जिससे मरीजों की जान को खतरा पैदा हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ह्दृय रोगियों के आपरेशन की जरूरत हो तो यह आपरेशन तीन डाक्टरों की टीम द्व्रारा किया जाना चाहिए।

4595 मरीजों पर हुआ अध्ययन
॰ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS ) ऋषिकेश के ह्दय रोग विभाग के प्रमुख डा भानु दुग्गल ने 2012 से 2016 के दौरान सरकारी योजना के तहत हार्ट का आपरेशन कराने वाले 4 हजार 595 मरीजों का अध्ययन कर यह रिपोर्ट तैयार की। 
॰ राज्य के सभी जिलों के 110 अस्पतालों के मरीजों पर हुए अध्ययन से पता चला कि एक से ज्यादा स्टंट लगाए जाने की चलते 203 लोगों की मौत हो गई। इन मरीजों को अलग-अलग मेडिकल कारणों के चलते स्टंट लगाए गए थे। 
॰ अध्ययन से पता चला कि इस योजना के लिए सूचिबद्ध किए गए सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा निजी अस्पताल अधिक स्टंट लगाने में आगे रहे।

क्या होता है स्टेंट
हृदय के धमनियों में ब्लाकेज को दूर करने के लिए स्टंट लगाया जाता है। इस तरह की समस्या खान-पान में लापरवाही, धुम्रपान और अधिक जंकफुड खाने से होता है। स्टंट एक स्प्रिंग जैसा उपकरण होता है। इसे हृदय के भीतर लगा दिया जाता है। यह हृदय की धमनी को खुला और चौड़ा रखता है। जिससे हृदय में खुन का प्रवास सुचारु रुप से होता है। 
 

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