कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत भरी खबर-इन्फ्लुएंजा-ए का प्रकोप हो रहा कम
संकट नहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत भरी खबर-इन्फ्लुएंजा-ए का प्रकोप हो रहा कम
एच3एन2 के मामले 72 प्रतिशत कम हुए
1 से 19 अप्रैल के बीच एच3एन2 के 67 केस मिले
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच महाराष्ट्र के लिए राहत के संकेत हैं। इन्फ्लुएंजा-ए का प्रकोप कम होता दिखाई दे रहा है। मार्च की तुलना में इस महीने इन्फ्लुएंजा-ए के उप-प्रकार एच3एन2 के मामलों में 72 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि अब तक एच3एन2 से छह और एच1एन1 से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। फरवरी और मार्च के दौरान राज्य में इन्फ्लुएंजा के मामले रोजाना बढ़ रहे थे। बाद में इसमें धीरे-धीरे कमी आने लगी। वर्तमान में हर दिन दो या तीन इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आ रहे हैं। पहले यह संख्या तीन गुना थी। राज्य में 1 अप्रैल से 19 अप्रैल तक इन्फ्लुएंजा-ए के उप-प्रकार एच3एन2 के 67 मामले सामने आए हैं। 16 मार्च से 31 मार्च के बीच 239 मामले थे। राज्य की सर्विलांस अधिकारी डॉ. बबिता कमलापुर ने कहा कि कोरोना और इन्फ्लुएंजा से बचाव के लिए लोग सतर्कता बरत रहे हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों की जांच कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानते हैं कि इन्फ्लुएंजा के मामले कम रिपोर्ट किए जा रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इस साल की शुरुआत में पुष्टि की थी कि मामलों में वृद्धि के लिए इन्फ्लुएंजा ए का उप-प्रकार एच3एन2 जिम्मेदार था।
जनवरी से 19 अप्रैल तक
- कुल संदिग्ध मरीज: 4,37,697
- फ्लू के 2663 संदिग्ध मरीजों को ओसेल्टामिविर दवाई दी गई
- एच1एन1 से 516 मरीज संक्रमित
- एच3एन2 से 430 मरीज संक्रमित
- फिलहाल 68 मरीज हैं भर्ती
कोरोना/इन्फ्लुएंजा के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश
- नियमित रोगी सर्वेक्षण, अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के सर्वेक्षण के निर्देश
- सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन रूम बनाए गए हैं।
- दवाएं और जरूरी सामान का पर्याप्त स्टॉक
- राज्य के सभी सरकारी एवं निजी चिकित्सकों का राज्य स्तरीय पुनर्प्रशिक्षण अगस्त, 2022 में