मुख्यमंत्री राहत कोष में राजनीतिक पार्टियों के योगदान की जानकारी देने से इनकार
मुख्यमंत्री राहत कोष में राजनीतिक पार्टियों के योगदान की जानकारी देने से इनकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्ममंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में वित्तीय मदद की अपील की, लेकिन क्या शिवसेना और दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी इस कोष में मदद करतीं हैं फिलहाल यह साफ नहीं हैं। क्योंकि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी देने से इनकार कर दिया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुख्यमंत्री सहायता कोष सेल द्वारा सूचित किया गया है कि उसे ऐसी जानकारी न देने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि दानदाता का विवरण तीसरे पक्ष को देना उसके निजी मामलों में दखलंदाजी हस्तक्षेप होगा। गलगली ने 15 मई, 2020 को कोविड के तहत राजनीतिक पार्टी के योगदान के बारे में जानकारी के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से संपर्क किया था।
सार्वजनिक सूचना अधिकारी मिलिंद कबाड़ी ने कहा कि ऐसी जानकारी देना मना है क्योंकि इसमें व्यक्तिगत विवरण शामिल हैं। इससे जानकारी मांगने वाले की ओर से दूसरे पक्ष के निजी मामलों में हस्तक्षेप माना जाएगा। इसके अलावा यह भी कहा गया कि यह जानकारी संकलित नहीं है और इसे संकलित करने के लिए कार्यालय की साधन सामग्री को इस काम में लगाना होगा। इस प्रकार का लेन-देन दैनिक आधार पर सीएम सहायता कोष में होता है और विवरण से यूटीआर नंबर स्तर पर जानकारी मिलती है, इसलिए दानदाताओं के नाम का पता लगाना संभव नहीं है। अनिल गलगली द्वारा 1 जून, 2020 को दायर पहली अपील पर 9 नवंबर, 2020 को सुनवाई की गई थी।
प्रथम अपीलीय अधिकारी और सहायक निदेशक सुभाष नागाप से भी किसी तरह की सहायता नहीं मिली। गलगली के अनुसार राजनीतिक पार्टी द्वारा प्रदान की गई राशि की जानकारी प्रधानमंत्री केयर फंड और मुख्यमंत्री सहायता कोष द्वारा प्रदान नहीं की जाती है यह ठीक नहीं है। अगर इस तरह की जानकारी साझा करने में कोई अडचन है तो संबंधित राजनीतिक दल को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री सचिवालय उनसे सहमति ले सकता है लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अनिल गलगली ने अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि संबंधित जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाए।