बाल मृत्यु दर कम करने सरकार ने मिलाया निजी कंपनी के साथ हाथ
बाल मृत्यु दर कम करने सरकार ने मिलाया निजी कंपनी के साथ हाथ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए जागरूकता व प्रशिक्षण हेतु प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग और निजी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के बीच करार हुआ है। गुरुवार को मंत्रालय में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत की मौजूदगी में यह करार हुआ। सावंत ने कहा कि राज्य में क्षय रोग, माता और शिशु मृत्यु को लेकर जागरूकता और नर्स मिडवाईफ-हेल्थ वर्कर (एएनएम) तथा आशा कार्यकर्ता को कौशल्य विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य में 10 हजार एएनएम और 60 हजार आशा कार्यकर्ता
डॉ सावंत ने कहा कि प्रदेश के 9 जिलों में माता - शिशु मृत्यु दर ज्यादा है। ऐसे जिलों में नर्स और आशा कार्यकर्ता शिशुओं का खास ध्यान रखेंगी। साथ ही इनको गोल्डन-मिनिट में इलाज के लिए कौशल्य विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य में लगभग 10 हजार एएनएम और 60 हजार आशा कार्यकर्ता हैं। इनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार कर जिला अथवा विभागीय स्तर पर एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान होने वाले संक्रामक रोगों के बारे में भी जागरूकता फैलाने के लिए मुहिम चलाई जाएगी।
कौशल्य बढ़ाने के लिए कार्यक्रम
स्वास्थ्य मंत्री डॉ सावंत ने कहा कि एएनएम और आशा कार्यकर्ता गांवों में जाकर मरीजों की सेवा करती हैं। इसके लिए उनका कौशल्य बढ़ाने के लिए कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इससे मरीजों को अधिक स्तरिय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में खदान श्रमिक और उनके परिवार को होने वाले क्षय रोग के बारे में प्रचार-प्रसार और निदान के लिए जॉनसन एंड जॉनसन राज्य सरकार को मदद करेगी।
बता दें कि पिछले महाराष्ट्र सरकार ने 2017 के अंत में वार्षिक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी आई है। एसआरएस की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में प्रति 1000 जन्मे बच्चों में मरने वालों की संख्या 21 से घटकर 19 हो गई है।