विवादित अधिकारी महेश आहेर से रियल एस्टेट विभाग छिना, अतिक्रमण विभाग का प्रभार अभी कायम 

ठाणे विवादित अधिकारी महेश आहेर से रियल एस्टेट विभाग छिना, अतिक्रमण विभाग का प्रभार अभी कायम 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-27 14:48 GMT
विवादित अधिकारी महेश आहेर से रियल एस्टेट विभाग छिना, अतिक्रमण विभाग का प्रभार अभी कायम 

डिजिटल डेस्क, ठाणे. महानगर पालिका के विवादित सहायक आयुक्त महेश आहेर के पास से आखिरकार रियल इस्टेट विभाग के कार्यालय अधीक्षक महेश अहेर का पदभार छीन लिया गया है। हालांकि अभी भी उनके पास अतिक्रमण विभाग के साथ-साथ उथलसर प्रभाग समिति का सहायक आयुक्त का पद बरकरार रखा गया है, जिससे एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे पर राकां विधायक जितेंद्र  आव्हाड ने राज्य सरकार की इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठाया है।  

बता दें कि कुछ दिन पहले एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया था कि ठाणे महानगर पालिका के सहायक आयुक्त महेश आहेर ने एक गुंडे के जरिए उनके दामाद और बेटी को जान से मारने की सुपारी दी थी। इस संबंध में एक ऑडियो टेप प्रसारित किया गया था और बातचीत के आहेर के होने का दावा किया गया था। उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा के सत्र में उठाया और इस मामले में गंभीरता से जांच की मांग की थी। इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा दिए गए आदेश के बाद राज्य सरकार ने ठाणे पुलिस की क्राइम ब्रांच की यूनिट 5 के माध्यम से आहेर की जांच शुरू कर दी गई है।

इसके अलावा ठाणे पुलिस ने कांग्रेस के ठाणे शहर अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण द्वारा लगाए गए आरोपों के सिलसिले में आहेर से पूछताछ शुरू कर दी है। इस प्रकरण को विधानसभा में विलास पोतनिस, अनिल परब और सुनील शिंदे ने महानगर पालिका में आहेर के कुप्रबंधन की जांच की मांग की है। जिसके बाद राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने विधान परिषद में आश्वासन दिया था कि महेश आहेर के अधिकार छीन लिए जाएंगे और उनकी जांच कराई जाएग।

इस आश्वासन के बाद महानगर पालिका के अतिरिक्त आयुक्त संजय हेरवाड़े ने प्रशासन से रियल इस्टेट (अचल संपत्ति) विभाग के कार्यालय के अधीक्षक का पद से हटा की कार्रवाई की है, लेकिन वह हैरान है कि अतिक्रमण विभाग के सहायक आयुक्त का पद बरकरार रखा गया है। इस मुद्दे पर विधायक आव्हाड ने सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठाया और कहा कि अधिकारियों ने अपना काम किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने विभाग को अलग निर्देश दिए। आखिर प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का इतना समर्थन क्यों कर रहे हैं?
 

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