यात्रियों के कपड़ों की धुलाई करेंगी रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री मशीन, जर्मनी से 19 अगस्त को पहुंचेगी मुंबई
यात्रियों के कपड़ों की धुलाई करेंगी रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री मशीन, जर्मनी से 19 अगस्त को पहुंचेगी मुंबई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री मशीन 19 अगस्त तक जर्मनी से मुंबई पहुंच जाएगी। अगस्त के आखिर तक इसके नागपुर में पहुंचने की संभावना है। सितंबर महीने में इसे इन्सटॉल करने का काम शुरू हो जाएगा। इस साल दिवाली के पहले ही रेलवे की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। जिसके बाद मध्य रेलवे नागपुर मंडल के कपड़ों की धुलाई जर्मनी की मशीनों से की जाएगी। यात्रियों के बेडरोल, कंबल आदि की धुलाई की जाएगी। इससे यात्रियों को साफ-सुथरी चादरें, पीलो कवर मिल सकेंगे। वर्तमान स्थिति में रोजाना 3 हजार से ज्यादा ब़ेडरोल बाहर से धोकर आते हैं। हर रोज बेडरोल नागपुर में निर्धारित समय पर पहुंचने की बात तय नहीं रहती है। जिससे कभी-कभी गंदे बेडरोल का यात्रियों को सामना करना पड़ता है।
वर्ष 2011-12 में हुए रेल बजट में देशभर में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री बनाने की घोषना की थी। इसमें नागपुर का भी नाम शामिल था। इन लॉन्ड्री में रेलवे में उपयोग होनेवाले कपड़ों की धुलाई का जिम्मा रहेगा। यह लॉन्ड्री जहां एक ओर यात्रियों को साफ-सुथरे बेडरोल देकर सुविधा बढ़ानेवाली है, वही विदर्भ के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने के लिए भी सक्षम रहेगी। जिससे उपराजधानी के लिए इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 15 करोड़ रुपये का रेलवे ने इसके लिए प्रावधान रखा था। जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया हुई थी। लेकिन बहुत ज्यादा लागत रहने से इसके लिए कोई भी सामने नहीं आ रहा था। ऐसे में इसे पार्टनशिप में चलाने को कहा गया था।
आखिरकार इसे चालने के लिए कंपनी भी मिल गई है और रेलवे मुख्यालय मंजूरी भी मिल गई है। जल्द ही इसे साकार करने के लिए कवायदें हो रही है। ऐसे में नागपुर के अजनी परिसर में इसे साकार करना तय हो गया है। इसमें अत्याधुनिक मशीनें लगनेवाली है। जो धुलाई से लेकर प्रेस का काम करेगी। इन मशीनों को जर्मनी से लाया जा रहा है। करोड़ों रुपये की मशीनें जर्मनी से नागपुर के लिए 2 माह पहले ही निकल गई है। 19 अगस्त को वह मुंबई में जहाज के माध्यम से पहुंचनेवाली है। वहां से मशीन को नागपुर लाया जाएगा। जिसके बाद इसे साकार किया जाएगा।
अब क्या हो रही दिक्कतें
वर्तमान स्थिति में नागपुर मंडल के कुल 6 गाड़ियों के बेड रोल रोज निजी लॉन्ड्री के माध्यम से धोए जाते हैं। कुल 3 हजार 250 बेडरोल प्रति बेडरोल 12 रुपए कुछ पैसे के अनुसार धोए जाने से रोजाना रेलवे को 40 हजार रुपय का फटका पड़ रहा है। खुद की लॉन्ड्री शुरू होने पर इससे रेल प्रशासन को इस पैसे को यात्रियों की सुविधा में लगाने में सहयोग मिलेगा।
मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के लिए लगनेवाली मशीनें जर्मनी से कुछ समय पहले ही निकल गई है। 19 अगस्त को वह मुंबई में पहुंचने के बाद नागपुर के लिए लाई जाएगी। जिसके बाद इसके इन्स्टॉलेशन का काम शुरू होगा। एस.जी. राव, साहायक वाणिज्य प्रबंधक, मध्य रेलवे नागपुर