कपास किसानों की मदद को लेकर विधानसभा में हुआ जमकर हंगामा, तीन बार कार्यवाही स्थगित

कपास किसानों की मदद को लेकर विधानसभा में हुआ जमकर हंगामा, तीन बार कार्यवाही स्थगित

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-28 16:10 GMT
कपास किसानों की मदद को लेकर विधानसभा में हुआ जमकर हंगामा, तीन बार कार्यवाही स्थगित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फरवरी महीने में विदर्भ, मराठवाडा और उत्तर महाराष्ट्र के कई जिलों में ओलवृष्टि प्रभावित किसानों के साथ धोखे का आरोप लगाते हुए विपक्ष में सरकार पर निशाना साधा। बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने सरकार पर किसानों से धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के भाषण और इस मामले में 23 फरवरी को सरकार द्वारा निकाले गए शासनादेश (जीआर) में फर्क है। विपक्ष ने प्रश्नकाल स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। इस मुद्दे पर हंगामें के चलते विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

विखेपाटील ने कहा कि मुख्य़मंत्री ने कुछ और वादा किया था लेकिन शासनादेश में कुछ और था। यह गंभीर मुद्दा है और इस पर सदन के भीतर चर्चा किए जाने की जरूरत है। स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा पर जोर देते हुए विपक्ष हंगामा और शोरशराबा किया। इस दौरान विपक्षी सदस्य वेल में खड़े होकर नारेबाजी करते रहे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने इस मुद्दे पर नियम 293 के तहत चर्चा की मंजूरी दी। लेकिन विपक्ष स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने और विपक्ष को बोलने का मौका देने की मांग पर अड़ा रहा। इसके चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। आखिरकार इस मुद्दे पर बाद में बहस और बाकी कामकाज आगे बढ़ाने को लेकर सहमति बनी और कार्यवाही सुचारु रुप से चल सकी।

पैनकार्ड क्लब कंपनी की संपत्ति निलाम कर वापस किए जाएंगे निवेशकों के पैसे
इसके अलावा निवेशकों के साथ धोखाधड़ी मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है। धोखाधड़ी करने वाली पैनकार्ड क्लब कंपनी की 4 हजार 500 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। इस संपत्ति को जब्त करके निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे। बुधवार को विधान परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 3000 करोड़ और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 1500 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। टाइम शेयर के माध्यम से कंपनी में निवेश करने वाले निवेशकों को जब्त संपत्ति की नीलामी कर पैसे वापस दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि कंपनी ने देश भर में 51 लाख निवेशकों को फंसाया है। इसमें से अधिकांश निवेशक महाराष्ट्र के हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले के मुख्य आरोपी की मौत हो चुकी है। इसलिए सह आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी हो रही है। लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्यवाही शुरू है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों के पैसों को सुरक्षित करने के लिए संबंधित कानून में संसोधन कर और सख्त बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी ने साल 2000 से निवेशकों के साथ धोखाधड़ी शुरू की थी। सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस सदस्य सतेज पाटील ने यह मुद्दा उठाया था। पाटील ने कहा कि इस मामले के आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इसलिए निवेशक अपने पैसे वापस पाने को लेकर आशंकित हैं।

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