खरीफ में नुकसान झेले किसानों को रबी से आस, गेहूं बुआई 2 हजार हेक्टेयर बढ़ी
खरीफ में नुकसान झेले किसानों को रबी से आस, गेहूं बुआई 2 हजार हेक्टेयर बढ़ी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मानसून की वापसी में कहर बरपने से खरीफ की फसल का नुकसान हुआ। फसल निकलने के ऐन समय पर भारी बारिश के चलते फसल बर्बाद होने से किसान संकट में फंस गया है। खरीफ के लिए नुकसानदेह साबित हुई बारिश रबी के लिए पोषक रही। खरीफ फसल के बाद रबी की फसल की बुआई किए जाने से रबी बुआई का प्रतिशत बढ़ने का अनुमान कृषि विभाग ने व्यक्त किया है। जिले में रबी के निर्धारित बुआई क्षेत्र के 96 प्रतिशत में बुआई हो चुकी है। इस वर्ष गेहूं की बुआई में 2 हजार हेक्टेयर वृद्धि हुई है।
गेहूं, चना का उत्पादन बढ़ेगा
इस वर्ष मानसून की वापसी रबी के लिए वरदान रही। जमीन में नमी रहने से रबी की बुआई के प्रतिशत में वृद्धि के साथ ही उत्पादन बढ़ने की संभावना कृषि विभाग ने व्यक्त की है। जिले के जलाशय लबालब भरने से पीने के पानी की समस्या से राहत के आसार है। रबी में अधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ने वाले गेहूं और चने की बुआई में वृद्धि होकर उत्पादन भी बढ़ने की आशा है।
पर्जन्यमान का औसत आंकड़ा पार
पिछले चार वर्षों में जिले में औसत से कम पर्जन्यमान रहा। रबी की बुआई पर इसका प्रतिकूल परिणाम हुआ। इस वर्ष मानसून की वापसी में हुई बारिश ने पर्जन्यमान का औसत आंकड़ा पार कर दिया। जमीन में नमी बनी रहने से रबी की बुआई का अवसर मिला। रबी की फसलों में गेहूं, चना, ज्वार, मक्का, मिर्ची, सब्जी आदि प्रमुख फसलें जिले में होती हैं। रबी का निर्धारित क्षेत्रफल 1 लाख 73 हजार 547 हेक्टेयर है। पिछले वर्ष रबी के निर्धारित क्षेत्रफल के 86 प्रतिशत यानी 1 लाख, 76 हजार 327 हेक्टेयर में बुआई की गई थी। इस वर्ष कृषि विभाग ने सर्वसाधारण बुआई क्षेत्रफल 2 हजार हेक्टेयर बढ़ाकर 1 लाख 76 हजार हेक्टेयर का नियोजन किया था।
रबी गेहूं का बुआई क्षेत्रफल 75 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया था। अभी तक जिले में 77 हजार 220 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुआई की गई है जो निर्धारित क्षेत्रफल के 2 हजार हेक्टेयर अधिक बुआई होने की जानकारी कृषि विभाग से मिली है। चने का 85 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल निर्धारित है, जबकि 79 हजार 90 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुआई पूरी हो चुकी है। लाखोड़ी का 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल निर्धारित है। मक्का 1 हजार हेक्टेयर, करडी 1 हजार हेक्टेयर, अलसी 500 हेक्टेयर, तिल 100 हेक्टेयर, सूरजफूल 1 हजार हेक्टेयर, राई 300 हेक्टेयर, मिर्च 2 हजार हेक्टेयर, सब्जी का 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल िनर्धारित है। अभी तक 1 लाख, 74 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुआई हो चुकी है।