मुंबई की लाइफलाइन में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल- नशेड़ी ने दिव्यांग को जलाया

गंभीर मुंबई की लाइफलाइन में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल- नशेड़ी ने दिव्यांग को जलाया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-27 10:58 GMT
मुंबई की लाइफलाइन में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल- नशेड़ी ने दिव्यांग को जलाया

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता। लाइफलाइन लोकल ट्रेन में रोजाना यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की या फिर किसी न किसी बात को लेकर नोकझोंक हो जाती है। कभी-कभी महिला और पुरुष यात्रियों के बीच मारपीट की भी नौबत आ जाती है। लोकल ट्रेन में पहली बार झगड़े के बाद एक यात्री ने दूसरे को जलाने का प्रयास किया। यह घटना मध्य रेलवे के कलवा-मुंब्रा स्टेशन के बीच हुई। नशे में धुत एक यात्री ने दूसरे को जला दिया। पीड़ित दिव्यांग के दोनों हाथ जल गए हैं। आरोपी भी दिव्यांग बताया गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी नशे का आदी है। उसने दिव्यांग डिब्बे में सफर के दौरान अपनी रुमाल में आग लगा कर यात्री पर फेंक दिया। ठाणे रेलवे पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी की तलाश कर रही है।

मुंब्रा-कलाव के बीच घटना

ठाणे रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने बताया कि सीएसएमटी से कल्याण जाने वाली स्लो लोकल ट्रेन के मिडल दिव्यांग डिब्बे शनिवार रात 11 बजे के आसपास यह घटना हुई। ट्रेन कलवा और मुंब्रा स्टेशन के बीच थी। आरोपी ने दिव्यांग प्रमोद वाडेकर के बाएं हाथ पर जलता रुमाल फेंक दिया। आग बुझाने के दौरान वाडेकर का दूसरा हाथ भी जल गया। उपचार के िलए वाडेकर केईएम अस्पताल में भर्ती हैं। 

दिवा स्टेशन पर 23.03 बजे  की स्लो कल्याण लोकल के मिडिल दिव्यांग कोच से एक मूक बधिर दिव्यांग को यात्रियों ने दिवा स्टेशन पर उतारा। ड्यूटी पर तैनात आरक्षक दत्ता वरुनगसे को यात्रियों ने बताया कि मुंब्रा स्टेशन से पहले ही एक अन्य दिव्यांग यात्री के साथ वाडेकर का झगड़ा हुआ था। आरोपी मुंब्रा स्टेशन पर उतर कर भाग गया।

पंढरी कांदे, ठाणे जीआरपी के मुताबिक दिव्यांग प्रमोद वाडेकर का इस हमले में बाएं हाथ का ऊपरी हिस्सा जला है। केईएम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। पीड़ित प्रमोद बोलने और सुनने में असमर्थ हैं। सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

सुभाष गुप्ता, अध्यक्ष, रेल यात्री परिषद के मुताबिक रेलवे में पुलिस का भय खत्म हो गया है। इसलिए यात्रियों पर आए दिन हमले हो रहे हैं। इस तरह के मामलों पर राज्य सरकार को भी ध्यान देना चाहिए। यात्री सुरक्षा को लेकर जितनी जिम्मेदारी रेलवे पुलिस की है उतनी ही जिम्मेदारी राज्य सरकार की भी है।

 

 

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