मांजे में फंसा अजगर, सर्जरी कर पेट से निकालना पड़ा , सेमिनरी हिल्स ट्रांजिट सेंटर में हुआ उपचार
मांजे में फंसा अजगर, सर्जरी कर पेट से निकालना पड़ा , सेमिनरी हिल्स ट्रांजिट सेंटर में हुआ उपचार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मांजा से पशु पक्षी की जान खतरे में है। आए दिन मांजे के कारण हो रही घटनाएं सामने आ रही है बावजूद इसके लोग पतंगबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। मांजे के कारण बुरी तरह से घायल अजगर को उपचार के लिए सेमिनरी हिल्स स्थित ट्राजिंट सेंटर लाया गया। सर्पमित्र ने हजारी पहाड़ इलाके में अजगर को घायल अवस्था में पाया था और उसे सेंटर लेकर आए थे। ट्राजिंट सेंटर के डॉक्टर मयूर काटे ने बताया कि अजगर जबड़े के पास से दो फुट तक बुरी तरह से मांजे में फंसा था। ऐसा लगता था कि अजगर पेड़ पर चढ़ने के दौरान वह बुरी तरह से मांजे में फंस गया। सेंटर में उसका उपचार किया गया। यहां तक कि उसके पेट में भी मांजा था, जिसे ऑपरेशन करके निकाला गया। सेंटर के डॉ मयूर काटे, डॉ बिलाल अली, डॉ तिस्ता तोशे और उनकी टीम ने अजगर का उपचार किया।
नायलॉन मांजा पशु-पक्षियों की जान के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ये सालों साल खराब नहीं होते हैं और लंबे समय तक परेशानी का कारण बने रहते हैं। नायलॉन मांजा में फंसे पक्षु-पक्षियों को खाने के कारण मांजा पशु-पक्षियों के पेट में पहुंचकर आंतों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। -डॉ मयूर काटे, पशु चिकित्सक, ट्रािजंट सेंटर सेमिनरी हिल्स
ट्राजिंट सेंटर में अब तक बड़ी संख्या में मांजे के कारण घायल पशु-पक्षियों का उपचार हो चुका हे। इनमें प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। अब तक उपचार के लिए लाए गए पक्षियों में फाल्कन, कौवे, उल्लू, बलुले और राज्य के राजकीय पक्षी हरियल शामिल हैं।
डॉ मयूर काटे ने बताया कि ऐसा लगता है कि उसने मांजे में फंसे कौवा खाया था जिसके कारण मांजा उसके पेट में पहुंच गया था। डॉक्टरों की टीम ने पहले मांजे को हटाया और कौवे को बाहर निकाला। मांजे के कारण अजगर की अन्न नली भी क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। सर्जरी के कारण बेहोशी की दवा के प्रभाव के कारण फिलहाल अजगर बेहोश है।