फारेस्ट डिपार्टमेंट के रास्तों पर पीडब्ल्यूडी को ‘नो इंट्री’, पहले लेनी होगी परमिशन

फारेस्ट डिपार्टमेंट के रास्तों पर पीडब्ल्यूडी को ‘नो इंट्री’, पहले लेनी होगी परमिशन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-04 09:40 GMT
फारेस्ट डिपार्टमेंट के रास्तों पर पीडब्ल्यूडी को ‘नो इंट्री’, पहले लेनी होगी परमिशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को अब वनविभाग अंतर्गत रास्तों पर सीधे इंट्री नहीं मिलेगी। वनविभाग की सड़कों पर सड़क विकास योजना अंतर्गत काम करने के लिए संबंधित विभाग की पहले अनुमति लेनी होगी। जहां डामरीकरण है, वहां डामरीकरण और जहां कच्ची सड़क है, वहां मिट्टी और गिट्टी डालकर ही सड़क बनानी होगी। न एक इंच सड़क बढ़ा सकते हैं और न घटा सकते हैं। योजना अंतर्गत सड़क बनाने को लेकर पीडब्ल्यूडी ने 2 नवंबर को परिपत्रक जारी नियम स्पष्ट कर दिए हैं। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो  संबंधित अधिकारी व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

दरअसल, वनविभाग की हद से जाने वाले कुछ रास्तों पर पीडब्ल्यूडी अधिकारी-कर्मचारियों ने बिना अनुमति सड़क विकास योजना अंतर्गत काम किया है। इसके लिए वनविभाग की अनुमति लेना आवश्यक है। अनुमति नहीं लेने पर कुछ मामलों में पीडब्ल्यूडी के अधिकारी व कर्मचारियों पर मामले दर्ज किए गए हैं। इससे सबक लेते हुए पीडब्ल्यूडी ने अपने विभाग को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पीडब्ल्यूडी ने कहा कि, सड़क विकास योजना अंतर्गत राज्य सड़क, बिगर अनुशेष, हाइब्रिड एन्यूईटी आदि सड़कों के काम करते समय सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग की सीमा में ही काम करें। योजना अंतर्गत मंजूर कुछ रास्तों के 2 लेन विथ पेव्ड शोल्डर किए जा रहे हैं। तथापि, वनविभाग से जाने वाली मौजूदा सड़क अगर डामर की है तो उसका डामरीकरण करें।

वनविभाग से जाने वाली सड़क अगर गिट्टी की है, कच्ची है तो वनविभाग की अनुमति से उसका डामरीकरण करें। अनुमति नहीं मिलने पर रास्ते का डामरीकरण न करें। मौजूदा सड़क जितनी चौड़ी है, उतने ही क्षेत्र में डामरीकरण करें। उपरोक्त काम का क्रियान्वयन करते समय काम में बचत होने पर उक्त राशि निविदा राशि से कम करें और बची हुई निधि का ठेकेदार को भुगतान न करें। सड़क विकास योजना अंतर्गत वन विभाग से जाने वाली सड़क का काम करते समय नियमों का उल्लंघन होने पर संबंधितों के खिलाफ प्रशासकीय कार्यवाही करने की चेतावनी पीडब्ल्यूडी के सचिव चंद्रशेखर जोशी ने दी है। 

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