जनहित याचिकाओं पर रोजाना हो सुनवाई, वरिष्ठ वकीलों का मुख्य न्यायधीश को पत्र
जनहित याचिकाओं पर रोजाना हो सुनवाई, वरिष्ठ वकीलों का मुख्य न्यायधीश को पत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के चलते पैदा हुई परिस्थितियों के चलते वरिष्ठ वकीलों ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर जनहित याचिकाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रोजाना सुनवाई की मांग की है। वकीलों का मानना है कि 21 दिन के लॉकडाउन के चलते गरीब, एक स्थान से दूसरे जगह पर पलायन करके आनेवाले मजदूर तथा दिव्यागों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसी स्थिति में आम लोगों के लिए न्यायपालिका के दरवाजे सहजता से उपलब्ध होने चाहिए। ताकि वे लोग अपनी समस्या लेकर कोर्ट पहुंच सके। पत्र में मांग की गई है कि नागरिकों को ई फाइलिंग की सुविधा प्रदान किया जाए । इसके साथ ही याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता को हस्ताक्षर के लिए कोर्ट में उपस्थित से छूट दी जाए।
हाल ही में हाईकोर्ट ने परिपत्र जारी कर अपने कामकाज को काफी सीमित कर लिया है। कोर्ट में सप्ताह में सिर्फ दो दिन दो घंटे जरूरी मामलों की सुनवाई हो रही है। इसके अलावा 23 मार्च 2020 को हाईकोर्ट ने अदालत परिसर में भीड़ को रोकने के लिए परिपत्र जारी कर आगाह किया है कि गैर जरूरी याचिका दायर करने पर याचिकाकर्ताओ पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
बुधवार को वरिष्ठ अधिवक्ता जनक द्वारका दास, गायत्री सिंह व अनिल अंतुड़कर सहित अन्य अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी पी धर्माधिकारी को पत्र लिखकर कहा है 23 मार्च को जारी किए गए परिपत्र में बदलाव किया जाए। और कोर्ट मे ई फाइलिंग व वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की व्यवस्था की जाए। यह कोर्ट स्टाफ की सुरक्षा के लिए भी उचित है। इस व्यवस्था से लोगों को अदालत तक पहुंचने में आसानी होगी।