घर के भीतर बने मंदिर को ढहाने पर विरोध करने पहुंचे लोग, हंगामा
घर के भीतर बने मंदिर को ढहाने पर विरोध करने पहुंचे लोग, हंगामा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। तैयब अली पेट्रोल पम्प के पीछे की तरफ निजी भूमि में बने मंदिर को ढहाए जाने का विरोध धर्मसेना एवं भाजपा ने करते हुए जमकर हंगामा किया। इस विरोध के चलते लोगों की भारी भीड़ वहां जमा हो गई। ओमती पुलिस को मामले की सूचना मिली तो पुलिस बल वहां पहुंच गया और तनाव की स्थिति को काबू किया गया। मंदिर को ध्वस्त करने के लिए मजदूर लगाने की जानकारी भाजपा नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर के साथ अल्प संख्यक मोर्चा के जमा खान को मिली तो वे भी वहां पहुंच गए। साथ ही धर्मसेना के योगेश अग्रवाल, कमलेश कनौजिया, उदित पिल्ले, नीरज राजपूत, विकास खरे, अविनाश सुखदान, अभय श्रीवास्तव, कोमल सिंह आदि ने हंगामा मचा दिया। हंगामा शांत करने पहुंचे ओमती टीआई नीरज वर्मा ने बताया कि दोनों पक्षों को समझाइश देने के बाद मामला शांत हो गया। इधर प्लाट मालिकों की ओर से स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि यह मंदिर उनका निजी है और जब वर्ष 1978 में वे लोग यहां आये थे तब मंदिर बनाया गया था। तीन साल पहले जब वे नये घर में शिफ्ट हुए तो मंदिर की मूर्तियों को वहां शिफ्ट कर दिया गया अब यहां पर जर्जर खंडहर ही बचा है।
यथास्थिति के निर्देश
एसडीएम रांझी जेपी यादव एवं तहसीलदार भी स्थल निरीक्षण के लिए पहुंचे और उन्होंने इस मामले में यथा स्थिति बनाये रखने के आदेश दिए। विधायक निधि के घपले की जाँच जबलपुर पहुंची। प्रदेश में पिछली भाजपा सरकार के राज में एंग्लो इंडियन समुदाय को प्रतिनिधित्व दिए जाने के नाम पर लॉरेन बी लोबो को दो बार विधायक मनोनीत किया गया था। कांग्रेस ने पूर्व में मनोनीत विधायक द्वारा अपने मद की राशि का अनुचित तरीके से उपयोग किए जाने व विधायक निधि में घपला और भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत ईओडब्ल्यू से की थी। ईओडब्ल्यू मुख्यालय भोपाल ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर शिकायत को जांच के लिए जबलपुर भेजा है। सूत्रों के अनुसार लोस चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा द्वारा ईओडब्ल्यू को एक शिकायत व प्रमाणित दस्तावेज सौंपकर विधायक मद में करीब 25 करोड़ का घपला किए जाने का आरोप लगाया गया था। शिकायत में बताया गया था कि मनोनीत विधायक श्रीमती लोबो द्वारा विधायक मद की राशि का उपयोग व्यक्तिगत और अपने बेटा-बेटी और रिश्तेदारों में बांटकर उनको अनुचित लाभ पहुंचाया गया है यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। शिकायत में करीब 25 करोड़ का घपला किए जाने का आरोप लगाया गया था इस मामले की डायरी जबलपुर ईओडब्ल्यू को जांच के लिए भेजी गयी है।