प्रापर्टी टैक्स : बकाएदारों ने मनपा को लगाया 514 करोड़ का पलीता
प्रापर्टी टैक्स : बकाएदारों ने मनपा को लगाया 514 करोड़ का पलीता
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में 4 लाख 43 हजार से अधिक का संपत्ति कर डूबने वाला है। वर्षों से इस कर भुगतान नहीं किया जा रहा है। नोटिस देने के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में अनेकों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी मनपा ने शुरू कर दी है। लगभग 200 संपत्तियों को मनपा के नाम करने का प्रस्ताव भी सिटी सर्वे विभाग को भेजा गया है। कर डुबाेने वालों पर लगभग 514 करोड़ रुपए का बकाया है। विशेष यह कि, जोन के सहायक आयुक्त ये बकाया कर वसूलने में नाकाम रहे हैं। वर्ष 2019-20 का संपत्ति कर लक्ष्य हासिल करने में भी चूक गए हैं। ऐसे में मनपा स्थायी समिति के सभापति ने सभी 10 जोन के सहायक आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
9745 संपत्ति धारकों को जारी किया वारंट
शहर में डिमांड नहीं पहुंचने और मिलने के बाद भी संपत्ति कर नहीं भरने वाले बकाएदार हैं। ऐसे लोगों की संख्या 9745 है। इन्हें वारंट जारी किया गया है। प्रक्रिया अनुसार ऐसी संपत्तियों को जब्त करने से पूर्व हुकुमनामा प्रसिद्ध किया जाता है। इसमें 21 दिन का समय दिया जाता है। इसके बाद नीलामी की जाती है। इस समय कर भुगतान करने वाले को छोड़ दिया जाता है। अनेक संपत्ति धारक नीलामी की तीन प्रक्रिया करने के बावजूद कर भुगतान नहीं कर रहे हैं। ऐसी संपत्ति की जब्ती के लिए स्थायी समिति ने मंजूरी प्रदान की है। इस मंजूरी के बाद सिटी सर्वे ले जब्त किए गए भूखंडों की जानकारी लेकर उस पर मनपा का नाम चढ़ाया जाएगा। करीब 20 से 25 हजार ऐसे भूखंड होने की जानकारी दी गई है।
3.33 लाख संपत्तिधारक हैं ‘डिफाल्टर’
स्थायी समिति की बैठक में संपत्ति कर वसूली की समीक्षा की गई। समीक्षा में खुलासा हुआ कि, मौजूदा वर्ष में कर विभाग ने 171 करोड़ रुपए वसूला है। इसमें 60 करोड़ रुपए बकाया है। 2019-20 आर्थिक वर्ष अब समाप्ति की ओर है। ढाई माह शेष है। हालांकि, अपेक्षा जताई गई कि, 300 करोड़ रुपए तक यह आंकड़ा जाएगा। पिछले वर्ष 208 करोड़ रुपए संपत्ति कर जमा हुआ था। इस साल अब तक 40 प्रतिशत संपत्ति कर तिजोरी में जमा हुआ।
बजट में 443 करोड़ की अपेक्षा व्यक्त की गई। शहर में 6 लाख 13 हजार संपत्ति होने का डाटा है। 5 लाख 50 लाख संपत्ति धारकों को डिमांड भेजी गई है। इसके बाद कर विभाग की समीक्षा में 4 लाख 43 हजार 14 बकायादार होने का खुलासा हुआ। इसमें से 3 लाख 33 हजार संपत्ति धारकों को ‘डिफाल्टर’ की सूची में डाला गया है। ये संपत्ति धारक डिमांड देने के बाद भी कर भुगतान नहीं कर रहे हैं। 5 लाख रुपए से अधिक 472 कर बकायादार हैं। इन पर 176 करोड़ रुपए बकाया है। सरकारी कार्यालय, मोबाइल टॉ़वर्स कंपनी भी शामिल है। 1 से 5 लाख रुपए तक 1813 बकायादारों पर 35 करोड़ बकाया है। इसकी तुलना में 5 से 25 हजार रुपए तक बकाया वाले 1 लाख 30 हजार 671 संपत्ति धारक हैं। इन पर लगभग 137 करोड़ रुपए बकाया है। 5 हजार रुपए से कम बकाया वाले 1 लाख 84 हजार 510 बकायादार हैं। इन बकायादारों पर 42 करोड़ बकाया है।