प्रोफेसरों के प्रमोशन को हरी झंडी, सीनेट की मिली मंजूरी
प्रोफेसरों के प्रमोशन को हरी झंडी, सीनेट की मिली मंजूरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के करियर एडवांसमेंट स्कीम (कैस) के तहत होने वाले प्रमोशन का फायदा अब संलग्न कॉलेजों के एसोसिएट प्रोफेसरों को भी होगा। अब तक यह सुविधा केवल विश्वविद्यालय के विभागों में पढ़ाने वाले असोसिएट प्रोफेसरों तक ही सीमित थी। विश्वविद्यालय ने हाल ही में कॉलेजों को परिपत्रक जारी कर यह सूचना दी है। हाल ही में हुई विवि की सीनेट बैठक में सदस्य डाॅ. अजित जाचक ने अपने प्रस्ताव में यह मुद्दा उठाया। 6वें वेतन आयोग की कालावधि भी समाप्त होने पर भी यूजीसी के निर्देशों का फायदा कॉलेज शिक्षकों को नहीं हो रहा है। विवि को जल्द से जल्द इसे लागू करना चाहिए। एड. मनमोहन बाजपेयी व अन्य सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया। जिसके बाद सीनेट ने इस प्रस्ताव को बहुमत में पास किया।
2010 में हुआ था फैसला
बता दें कि कैस के तहत प्रोफेसरों को प्रमोशन देने के लिए वर्ष 1974 से नागपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (नुटा) और राज्य स्तर पर एमफुक्टो शिक्षक संगठन संघर्ष कर रहा है। उनके प्रयास को पहली सफलता तब मिली जब वर्ष 2010 में यूजीसी ने इस दिशा में कदम उठाया। 30 जून-2010 को यूजीसी ने कैस को मंजूरी दी। 22 फरवरी-2011 को राज्य सरकार ने उसे स्वीकार करके राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों और संलग्न कॉलेजों में लागू करने के आदेश दिए। नागपुर विवि ने अपने विभाग के लिए तो यह योजना लागू की, लेकिन संलग्न कॉलेजों के एसोसिएट प्रोफेसरों को इसका लाभ नहीं दिया गया। जबकि राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों ने अपने संलग्न कॉलेजों में भी इस योजना को लागू किया। लंबे इंतजार के बाद अंतत: कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसरों को भी अब कैस का लाभ मिलने जा रहा है। मामले में डॉ. जाचक ने कहा कि, प्रशासनिक लापरवाही के कारण अब तक कई पात्र प्रोफेसर भी प्रमोशन के लाभ से वंचित थे, लेकिन अब सीनेट की मंजूरी के बाद उनके प्रमोशन को हरी झंडी मिल गई है।