जनप्रतिनिधियों की सच्ची इच्छाशक्ति से ही समस्याओं का होगा समाधान-HC
जनप्रतिनिधियों की सच्ची इच्छाशक्ति से ही समस्याओं का होगा समाधान-HC
डिजिटल डेस्क, मुंबई। निर्वाचित प्रतिनिधियों के भीतर लोगों की सेवा व उनकी समस्याओं के लिए समाधान के लिए सच्ची इच्छाशक्ति होगीहोने पर ही आम लोगों की परेशानी दूर होगी। बांबे हाईकोर्ट ने मालेगांव महानगरपालिका के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को यह नसीहत दी है। मामला इस महानगरपालिका के अस्पताल में डाक्टरों की कमी का है। जिसको लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि मनपा के अस्पताल में 26 स्थायी डाक्टर होने चाहिए लेकिन वहां पर सिर्फ एक स्थायी डाक्टर है। जिसके चलते मरीजों को दिक्कते हो रही है। अंशकालिक डाक्टर मरीजों के लिए अपर्याप्त साबित हो रहे है।
आवेदन पर नहीं आया कोई डॉक्टर
इससे पहले मालेगांव महानगरपालिका के वकील श्रीनिवास पटवर्धन ने कहा कि हमने डाक्टरों की नियुक्ति को लेकर विज्ञापन जारी किया था लेकिन िकसी डाक्टर ने दस दिन बाद भी नौकरी के लिए अावेदन नहीं किया है। निजी प्रैक्टिस में डाक्टरों को ज्यादा लाभ मिलता है शायद इस वजह से डाक्टर मनपा की सेवा के लिए आवेदन नहीं कर रहे है। कम वेतन भी डाक्टरों के सरकारी नौकरी के लिए आगे न आने की वजह है। जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस अनूजा प्रभुदेसाई की बेंच ने इन दलीलों पर गौर करने के बाद कहा कि यदि डाक्टर की कमी है तो मनपा के जन प्रतिनिधियों को दूसरी जगह से डाक्टर बुलाकर अस्पताल में शिविर लगाने चाहिए। यही नहीं सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी माडल) के विकल्प पर विचार करना चाहिए।
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने की टिप्पणी
इसके साथ ही मनपा को गैर सरकारी संस्थाओं की मदद लेनी चाहिए। निजी कंपनियों से CSR तहत सहयोग लेना चाहिए। बेंच ने कहा कि यदि निर्वाचित प्रतिनिधियों में लोगों की सेवा करने की प्रमाणिक इच्छाशक्ति होगी तभी अाम लोगों की परेशानियों का निराकरण हो सकेगा। यदि जनप्रतिनिधियों के मन में सेवा का भाव रहेगा तो समाधान अपने आप निकलेगा। यह कहते हुए बेंच ने मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।