भाई संजू बाबा के साथ प्रिया दत्त ने भरा नामांकन
भाई संजू बाबा के साथ प्रिया दत्त ने भरा नामांकन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार प्रिया दत्त ने अपना पर्चा भर दिया है। इस बार उनके भाई और अभिनेता संजय दत्र भी नामांकन के दौरान उनसे साथ मौजूद थे। कुछ सालों पहले भाई-बहन के रिश्ते में दरार आ गई थी लेकिन सोमवार को संजय दत्त अपनी बहन के साथ खड़े नजर आए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं अपनी बहन के साथ हूं और वह जो कहेगी मैं करूंगा। अगर प्रिया कहेगी तो मैं चुनाव भी लड़ूगा। नामांकन दाखिल करने से पहले प्रिया सिद्धिविनायक मंदिर, चर्च और दरगाह भी गईं। सुनील दत्त के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने इस सीट से उनकी बेटी प्रिया दत्त को टिकट दिया था। साल 2009 में वे जीत हासिल करने में कामयाब भी रहीं थीं लेकिन 2014 में मोदी लहर में उन्हें प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन ने 1.86 लाख वोटों से हराने में कामयाब रहीं थीं। पार्टी में आपसी खींचतान को देखते हुए प्रिया दत्त ने शुरूआत में चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था लेकिन राहुल गांधी के कहने पर वे फिर मैदान में उतरीं हैं इस बार भी उनकी टक्कर भाजपा उम्मीदवार पूनम महाजन से ही है। चर्चा संजय दत्त के भी समाजवादी पार्टी की टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ने की थी लेकिन अभिनेता ने करीब एक महीने पहले इसे खारिज करते हुए लोगों से प्रिया दत्त को वोट देने की अपील की थी। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने 2009 में संजय दत्त को लखनऊ सीट से चुनाव मैदान में उतरने की कोशिश की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत उन्हें हुई सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
भाई संजय दत्त की कर्जदार हैं , 87 करोड़ संपत्ति की मालकिन प्रिया
चुनाव आयोग को सौंपे हलफनामें में प्रिया दत्त ने जानकारी दी है कि उन्होंने संजय दत्त से 10 लाख 7 हजार रुपए का कर्ज लिया है। इसके अलावा पति ओवेन रानकान से भी उन्होंने 89 लाख रुपए से ज्यादा कर्ज ले रखा है। प्रिया दत्त की कुल देनदारियां 3 करोड़ 35 लाख 13 हजार 723 रुपए है। जबकि उनके पास 17 करोड़ 84 लाख 1 हजार 180 रुपए की चल संपत्ति और 69 करोड़ 77 लाख रुपए से ज्यादा की अचल है। इसमें से करीब साढ़े 67 करोड़ की संपत्ति उन्हें विरासत में मिली है। पिछले चुनावों में प्रिया दत्त ने 65 करोड़ 50 लाख 93 हजार की संपत्ति घोषित की थी। जबकि उन पर 3 करोड़ 34 लाख 63 हजार रुपए से ज्यादा की देनदारी थी।