निजी अस्पताल ने दी मरीज को एक्सपाइरी डेट की दवा, एफडीए ने की कार्रवाई

निजी अस्पताल ने दी मरीज को एक्सपाइरी डेट की दवा, एफडीए ने की कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-13 05:06 GMT
निजी अस्पताल ने दी मरीज को एक्सपाइरी डेट की दवा, एफडीए ने की कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। निजी अस्पतालों में बेहतर इलाज की उम्मीद लिए लोग जाते हैं लेकिन इलाज के लिए अच्छी-खासी रकम खर्च करने के बावजूद उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जाता है। ऐसा ही एक वाकया सामने आया।  बुधवार को अन्न व औषधि विभाग ने एक निजी अस्पताल पर शिकायत के आधार पर कार्रवाई की। शिकायत यह थी कि एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन देने से लीलाबाई नामक मरीज की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। जांच-पड़ताल करने पर अस्पताल में 7 से 8 प्रकार की दवाईयां एक्सपायरी डेट की मिलीं। वहीं, अस्पताल में दवाईयों को लेकर खरीदी बिल भी नहीं थे। एफडीए ने इंजेक्शन का सैंपल लिया गया है। अस्पताल की अव्यवस्था पर रिपोर्ट तैयार की गई है।  

यह है प्रकरण
आरोप है कि बगड़गंज स्थित इस्टर्न हॉस्पिटल में लीलाबाई नामक महिला पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची। डॉक्टर मोहन कुमार के कर्मचारी ने  महिला को चार इंजेक्शन लगाए। इसके बाद मरीज की हालत और खराब हो गई, जिससे उसे दूसरे अस्पताल में ले जाया गया। मरीज के परिजनों ने इसकी जानकारी एफडीए के सह आयुक्त राकेश तिरपुडे को दी। उन्होंने तुरंत सब इंसपेक्टर सतीश चव्हाण व नीरज लोहकरे को जांच के लिए भेजा।

अस्पताल पहुंचकर उन्होंने मरीज को दिए गए इंजेक्शन की जांच की, तो इंजेक्शन एक्सपायरी डेट का नहीं था। फिर भी इंजेक्शन का नमूना लिया, जिसे लैब में भेजा जानेवाला है। अस्पताल के स्टोर में कुछ एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन पाए गए। कई दवाईयों के खरीदी बिल नहीं थे, जबकि नियमानुसार होना चाहिए था। इस आधार पर संबंधित अस्पताल की रिपोर्ट तैयार की गई है।

नियमानुसार कार्रवाई जारी  
हमें शिकायत मिली थी कि इस्टर्न अस्पताल में डॉक्टर मोहन कुमार के पास एक मरीज को इंजेक्शन लगाने से उसकी हालत बहुत बिगड़ गई।  जांच-पड़ताल करने पर अस्पताल में रखीं कुछ दवाईयां एक्सपायरी डेट की मिली हैं। नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।  -राकेश तिरपुडे, सह आयुक्त,  अन्न व औषधि विभाग नागपुर

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