महिला व बाल कल्याण मंत्री के प्रस्ताव पर शुरु हुई राजनीति - समर्थन में राकांपा, कांग्रेस को नहीं भाया प्रस्ताव
गंगा भागीरथी महिला व बाल कल्याण मंत्री के प्रस्ताव पर शुरु हुई राजनीति - समर्थन में राकांपा, कांग्रेस को नहीं भाया प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य के महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के एक पत्र लेकर राजनीति शुरू हो गई है। लोढ़ा ने अपने ही विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने विधवा शब्द की जगह "गंगा भागीरथी' शब्द का इस्तेमाल हो, इस तरह का प्रस्ताव तैयार करने के बाद इस पर चर्चा करने का आदेश दिया है।
लोढा ने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से विकलांग शब्द की जगह "दिव्यांग' शब्द की संकल्पना बनाई थी, जिससे दिव्यांग लोगों को समाज में एक अलग पहचान मिली। उसी को देखते हुए अब महाराष्ट्र में विधवा महिलाओं को सम्मान देने के लिए विधवा शब्द की जगह "गंगा भागीरथी' शब्द इस्तेमाल करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। मंत्री लोढ़ा ने अपने विभाग के प्रधान सचिव को यह आदेश दिया है।
सीएम को लिखा था पत्र- चाकणकर
दरअसल राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा रूपाली चाकणकर ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने विधवा शब्द की जगह पूर्णांगी, स्वयंसिद्धा या सक्षमा शब्द करने इस्तेमाल करने की मांग की थी। जिससे इन महिलाओं को भी सम्मान मिल सके। अब मंत्री लोढ़ा द्वारा इस तरह का प्रस्ताव भेजने के बाद राकांपा नेता रुपाली चाकणकर ने इसे सरकार का एक बड़ा कदम बताया है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस ने इसका विरोध किया है।
राज्य सरकार महिलाओं को हीन भावना से देखती हैः अतुल लोंढे
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे का कहना है कि राज्य सरकार विधवा महिलाओं को हीन भावना से देख रही है। तभी उनका नामकरण कर रही है। लोंढे ने कहा कि राज्य सरकार जिस हेतू से काम कर रही है वह राज्य की जनता समझ चुकी है।