थाना प्रभारी को 2 दिन के अंदर डीडीए एक्ट की विशेष कोर्ट में एफआईआर पेश करने का निर्देश
भालचंद्र मुठभेड़ मामला - बहिलपुरवा थाने में प्रकरण दर्ज करने का आदेश थाना प्रभारी को 2 दिन के अंदर डीडीए एक्ट की विशेष कोर्ट में एफआईआर पेश करने का निर्देश
डिजिटल डेस्क सतना। ग्राम पड़वनिया थाना नयागांव निवासी आरोपी डकैत भालचंद्र की यूपी में हुई पुलिस मुठभेड़ के मामले में मृत्यु के कारणों की जांच के लिए अपराध पंजीबद्ध नहीं किए जाने को गंभीर मानते हुए डीडीए एक्ट की विशेष कोर्ट ने एफआईआर दर्ज किए जाने का आदेश दिया है। यूपी के चित्रकूट की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय ने मृतक की विधवा नथुनिया के आवेदन पर बहिलपुरवा थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है, साथ ही 2 दिन के अंदर प्रथम सूचना की प्रति न्यायालय में पेश करने का निर्देश भी थाना प्रभारी को जारी किया है।
ये है पूरा मामला —-
31 मार्च 2021 की शाम 7 बजे के करीब नयागांव के पड़वनिया निवासी भालचंद्र की यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई थी। मृतक की विधवा नथुनिया का आरोप है कि उसके पति 31 मार्च को गांव से मोटरसाइकिल क्रमांक एमपी 19 एमयू- 9643 से सतना न्यायालय गए थे, जहां से पेशी करने के बाद दोपहर डेढ़ बजे घर के लिए रवाना हुए। मोटरसाइकिल से जब वह कोठी पहुंचे तो वाहन क्रमांक यूपी 70 एजी- 2459 ने ओवरटेक कर भालचंद्र और उसके भाई को मोटरसाइकिल से गिरा दिया और उसे गाड़ी में डालकर मुंह बंद कर यूपी के चित्रकूट की ओर लेकर चले गए। जिसके बाद शाम मुठभेड़ में मौत की खबर आई। यह भी आरोप है कि यूपी एसटीएफ ने फर्जी मुठभेड़ में उसके पति को मार दिया और 1 अप्रैल को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपने की बजाए रात में शव को जलाने का प्रयास किया। भालचंद्र की पत्नी नथुनिया ने यह भी आरोप लगाया कि हत्या कर आधार कार्ड और रुपए लूट लिया गया और 1 अप्रैल को उसके देवर के विरूद्ध भादवि की धारा 307 और 3/25 का झूठा मुकद्मा लगाकर जेल भेज दिया। शिकायती आवेदन में मृतक की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति के विरूद्ध उत्तरप्रदेश के थानों में एक भी प्रकरण दर्ज नहीं हैं।
गंभीर है अपराध —-
अदालत ने आवेदिका के द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत अमित कुमार त्रिपाठी, उमाशंकर और संतोष के खिलाफ प्रस्तुत शिकायत की सुनवाई कर यह माना कि मृतक भालचंद्र की मृत्यु की वास्तविक कारणों की जांच के लिए कोई मुकद्मा पंजीबद्ध नहीं किया गया है। दूसरे पक्ष को भी बात रखने का पूरा अधिकार प्राप्त है। मृत्यु मुठभेड़ के दौरान हुई है या पुलिस बल अपनी परिधि से बाहर जाकर कोई कृत्य किया है, यह जांच का विषय है। अदालत ने प्रकरण का सूक्ष्म परिशीलन कर यूपी के बहिलपुरवा थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने और प्रति 2 दिवस के भीतर न्यायालय में पेश करने का आदेश जारी किया है।