नाटक के मंचन पर पुलिस परमिशन का मामला, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

नाटक के मंचन पर पुलिस परमिशन का मामला, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-09 12:22 GMT
नाटक के मंचन पर पुलिस परमिशन का मामला, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने नाटक के मंचन के लिए पुलिस से अनुमति लेने के मुद्दे को लेकर फिल्म अभिनेता अमोल पालेकर की ओर से दायर याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस शांतनु केमकर व जस्टिस एमएस कर्णिक की बेंच ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर इस विषय पर जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील अनिल अंतुडकर ने कहा कि पुलिसवाले कैसे अभिव्यक्ति के अधिकार व स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दे को तय कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि सिनेमा के प्रदर्शन को लेकर सेंसर बोर्ड बनाया गया है जिसके पास नाटक के संबंध में प्रमाणपत्र देने का अधिकार नहीं है। वह नाटक के संदर्भ में वह कुछ नहीं कर सकती है, इसलिए नाटक का प्रदर्शन करने के इच्छुक लोगों को अब पुलिस से अनुमति लेनी पड़ती है। प्रसंगवश उन्होंने एक नाटक का उदाहरण दिया जिसके मंचन की अनुमति पुलिस ने तीन कट लगाने के बाद दी। 

सरकार ने जवाब देने के लिए मांगा वक्त
उन्होंने कहा कि सरकार के पास नाटक के प्रदर्शन पर पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं है फिर सरकार का दावा करती है कि  उसके पास ऐसा अधिकार है। सरकार के अनुसार वह जनहित में नाटक के मंचन पर युक्तिसंगत रोक लगा सकती है। यह रोक पुलिस आयुक्त से निर्देश लेकर लगाई जाती है। जो कि एक तरह की प्रिसेंसरसिप है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि इस मामले में राज्य के महाधिवक्ता सरकार का पक्ष रखनेवाले है। इसलिए उन्हें जवाब देने के लिए थोड़ा सा वक्त दिया जाए। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 16 जून तक के लिए स्थगित कर दी। 

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