पकड़े गए कॉल डेटा बेचने वाले जासूस, बीमा कंपनियों को बेचते थे रिकार्ड 

पकड़े गए कॉल डेटा बेचने वाले जासूस, बीमा कंपनियों को बेचते थे रिकार्ड 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-31 17:34 GMT
पकड़े गए कॉल डेटा बेचने वाले जासूस, बीमा कंपनियों को बेचते थे रिकार्ड 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ठाणे पुलिस की अपराध शाखा ने जासूसों के एक गिरोह का भांडाफोड़ किया है जो सिर्फ 10-12 हजार रुपयों में लोगों के कॉल डेटा रिकार्ड निकालकर अवैध रुप से बेचा करता था। मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीन की तलाश जारी है। तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से 177 लोगों के कॉल डेटा रिकॉर्ड मिले हैं। अपराध शाखा के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने बताया कि यूनिट एक के अधिकारियों को कॉल डेटा रिकॉर्ड बेचे जाने की गुप्त जानकारी मिली थी। इसी आधार पर जाल बिछाकर पहले कलवा इलाके से मुकेश पांडियन (42) नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पांडियन वाशी इलाके में ग्लोब डिटेक्टिव एजेंसी चलाता था। इसके बाद मामले की जांच करते हुए पुलिस प्रशांत पालेकर (49) तक पहुंची जो नई मुंबई के कोपरखैरणे इलाके में रहता था। इसके बाद गिरोह से जुड़े जिगर मकवाना (35) और समरेश झा (32) नाम के आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। तलाशी के दौरान पुलिस ने आरोपियों से 177 लोगों के कॉल डेटा रिकॉर्ड, तीन कंप्यूटर, दो लैपटॉप, 11 मोबाइल जब्त किया गया है। शुरूआती पूछताछ में आरोपियों ने दावा किया है कि वे कुछ निजी बीमा कंपनियों को लोगों के कॉल डेटा बेचते थे। 


पुलिस अधिकारी की अनुमति जरूरी 

किसी के कॉल डेटा रिकॉर्ड हासिल करने के लिए कानूनन पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारी की मंजूरी जरूरी है। इसलिए पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इसमें किसी बड़े अधिकारी की मिलीभगत है। या आरोपी फर्जी हस्ताक्षर या टेलिफोन कंपनियों की मिलीभगत से डेटा हासिल करते थे। डीसीपी राजश्री शिंदे मामले की छानबीन कर रहीं हैं।

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