दो माह से ठप पड़ी प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना , आचार संहिता के चलते नहीं मिला लोन

दो माह से ठप पड़ी प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना , आचार संहिता के चलते नहीं मिला लोन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-08 12:05 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का काम पिछले दो महीने से लगभग ठप पड़ा है। मार्च महीने से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी और अप्रैल व मई में कर्ज बांटने का काम लगभग ठप रहा। चुनावी आचार संहिता का असर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना यानी सीधे बेरोजगारों पर पड़ा है।  जिला प्रशासन के पास 31 मार्च 2019 तक बांटे गए कर्ज के आंकड़े ही उपलब्ध है। 
 
बेरोजगारों को रोजगार व स्वयंरोजगार के लिए आसान तरीके से कर्ज उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना शुरू की। इस योजना के तहत बेरोजगारों को रोजगार या स्वयंरोजगार शुरू करने के लिए शिशु, किशोर व तरुण ऐसी तीन कैटेगरी में कर्ज उपलब्ध होता है। शिशु के तहत 50 हजार तक, किशोर के तहत 5 लाख तक व तरुण के तहत 10 लाख तक का कर्ज दिया जाता है। कर्ज राष्ट्रीयकृत बैंकों से मिलता है और इसके लिए प्रोजेक्ट के साथ प्रस्ताव बैंक में पेश करना पड़ता है।

31 मार्च 2019 तक  जिले में शिशु कर्ज 2 लाख 35 हजार 411 लोगों को 618 करोड़ 48 लाख रुपए बांटा गया है। किशोर कर्ज 17 हजार 788 लोगों को 331 करोड़ 9 लाख बांटा गया है। तरुण कर्ज 6121 लोगों को 326 करोड़ 51 लाख रुपए बांटा गया है। मार्च में जिले में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी आैर इसके बाद कर्ज बांटने की प्रक्रिया बेहद धीमी हुई और इसी कारण ताजा आंकड़े प्राप्त नहीं होने का जवाब जिला प्रशासन की तरफ से दिया जा रहा है। जिला प्रशासन के जवाब से स्पष्ट होता है कि चुनावी आचार संहिता की मार बेरोजगारों पर भी पड़ी। 

बैंकों से ताजा आंकड़े नहीं मिले 
बैंकों से कर्ज के आंकड़े जिला अग्रणी बैंक के पास पहुंचते हैं। यहां से यह आंकड़े जिला नियोजना कार्यालय पहुंचते है। जिला नियोजन कार्यालय ने 31 मार्च तक के आंकड़े उपलब्ध कराते हुए स्पष्ट किया कि बैंकों से ताजा आंकड़े प्राप्त नहीं हुए। आचार संहिता के कारण कर्ज वितरण पर असर हुआ है। जिला नियोजन कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी भी चुनाव ड्यूटी में लगे थे। 

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