प्लास्टिक उत्पादकों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, राज्य सरकार ने लगाई है रोक
प्लास्टिक उत्पादकों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, राज्य सरकार ने लगाई है रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि प्लास्टिक उत्पादक पहले राज्य सरकार के पास अपनी बात रखे फिर अदालत में आए। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक के उत्पादन, वितरण, इस्तेमाल व संग्रह पर रोक लगाई है। अदालत ने कहा कि हम इस मामले के विशेषज्ञ नहीं है। लिहाजा प्लास्टिक उत्पादक पहले सरकार के सामने अपनी बात रखें। यदि सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो वे अदालत में आए। जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने कहा कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर सरकार ने जो अधिसूचना व आदेश जारी किया है उसमें ही सरकार ने कहा है कि वह प्लास्टिक उत्पादकों के पक्ष को सुनने के लिए तैयार है।
प्लास्टिक पर प्रतिबंध के सरकार के निर्णय के खिलाफ प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन व अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद साठे ने कहा कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध केंद्र का विषय है राज्य सरकार के पास इस मामले में आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। सरकार ने प्रतिबंध का आदेश जारी करते समय कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्लास्टिक पर प्रतिबंध व्यावहारिक नहीं है। इससे रोजगार पर काफी विपरीत असर पड़ेगा। प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद कागज व धातु का विकल्प बचता है। प्रतिबंध लगाने से पहले सरकार ने सभी पहलूओं पर विचार नहीं किया है। इसलिए सरकार के फैसले पर रोक लगाई जाए।
अदालत ने कहा पहले राज्य सरकार के सामने रखें अपनी बात
राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ईपी भारुचा ने सरकार के प्लास्टिक पर प्रतिबंध के निर्णय को न्यायसंगत ठहराया। इसके साथ ही कहा कि सरकार ने प्लास्टिक का पर्यावरण पर पड़नेवाले दुष्प्रभाव को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है। इसके साथ ही सरकार प्लास्टिक उत्पादकों के पक्ष को सुनने के भी राजी है। बेंच के सामने गुरुवार को भी इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
भीड़ से नाराज हुआ अदालत
इससे पहले अदालत परिसर में सैकड़ों की संख्या में मौजूद प्लास्टिक उत्पादकों के प्रति हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता मामले की सुनवाई के दौरान मौजूद रह सकते हैं लेकिन अदालत के कामकाज में अवरोध नहीं पैदा कर सकते। बुधवार को प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर अपना विरोध जाहिर करने के लिए प्लास्टिक उत्पादक हाईकोर्ट में काफी संख्या में इकट्ठा हुए थे। जिससे अदालत में आने जाने वाले लोगों को दिक्कत हो रही थी। इससे नाराज हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक कोर्ट परिसर में आए लोग बाहर नहीं जाते है तब तक हम मामले की सुनवाई नहीं करेंगे। इसके बाद लोग कोर्ट परिसर से बाहर गए।