फिजियोथेरेपी कालेजों का होगा मूल्यांकन

फिजियोथेरेपी कालेजों का होगा मूल्यांकन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-28 11:44 GMT
फिजियोथेरेपी कालेजों का होगा मूल्यांकन

डिजिटल डेस्क,मुंबई। राज्य के सभी फिजियोथिरेपी उपचार पाठ्यक्रमों वाले महाविद्यालयों का परिणामात्मक मूल्यांकन  किया जाएगा । महाराष्ट्र स्वास्थ्य  विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 1998 धारा 72 (1) के अनुसार यह प्रक्रिया महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय नाशिक के माध्यम से की जाएगी  । इसके लिए एक जांच समिति गठित होगी। जांच के लिए विवरण पत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा,  विद्यार्थियों की सेंपल जांच की जाएगी,  अस्पतालों के स्तर की जांच की जाएगी । इसके लिए महाराष्ट्र स्वास्थ्य  विज्ञान विश्वविद्यालय को प्राधिकृत कर दिया गया है । यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा व औषधि सूचना विभाग ने दी है।
शैक्षणिक स्तर सुधारने के प्रयास: राज्य में चिकित्सा, आयुर्वेद , होमियोपैथी, यूनानी, फिजियोथिरेपी, व्यवसायों पर, बीएससी (नर्सिंग), पीबीबी एस.सी, बी .एस. सी ( ऑप्टोमेट्री) आदि उपाधि व आर. ए. एन. एम, आर. जी .एन. एम आदि पाठ्यक्रमों के महाविद्यालय कार्यरत हैं। इन महाविद्यालयों में केंद्रीय राज्य परिषद के मानकों के अनुसार आवश्यक  सुविधाओं का अभाव होता है। इन सब बातों के आधार पर ही यहां से शिक्षा  प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर निर्धारित  होता है । विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर अच्छा होना जरूरी है। इस उद्देश्य  से सभी महाविद्यालयों का परिणामात्मक मूल्यांकन  किया जा रहा है । केंद्रीय स्तर पर फिजियोथिरेपी पाठ्यक्रम के लिए परिषद नहीं है। फिजियोथिरेपी (भौतिकोपचार) महाविद्यालय शुरू करने के लिए महाराष्ट्र स्वास्थ्य  विज्ञान  विश्वविद्यालय के मानक हैं।

कारगर उपचार है : व्यायाम के जरिए मांसपेशियों को सक्रिय बनाकर किए जाने वाले इलाज की विधा भौतिक चिकित्सा या फिजियोथेरेपी या "फिजिकल थेरेपी" (Physical therapy कहलाती है। चूंकि इसमें दवाइयां नहीं लेना पड़तीं इसलिए इनके दुष्प्रभावों का प्रश्न ही नहीं उठता। लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि फिजियोथेरेपी तब ही अपना असर दिखाती है जब इसे समस्या दूर होते तक नियमित किया जाए। अगर शरीर के किसी हिस्से में दर्द है और आप दवाइयां नहीं लेना चाहते तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। फिजियोथेरेपी की सहायता लेने पर आप दवा का सेवन किए बिना अपनी तकलीफ दूर कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह अत्यंत आवश्यक है।

फिजिकल थेरपी या फिजिओथेरपी को पी. टी. के नाम से भी जाना जाता हैं। फिजियोथेरपी का मतलब जीवन को पहचानना और उसकी गुणवत्ता को बढना है, साथ ही साथ लोगों को उनकी शरीरिक कमियों से बाहर निकालना, निवारण, इलाज बताना और पूर्ण रूप से आत्म-निर्भर बनाना हैं। यह शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक क्षेत्र में अच्छी तरह से काम करने में मदद देता हैं फिजियोथेरपी में डाक्टर, शारीरिक चिकित्सक, मरीज, पारिवारिक लोग और दूसरे चिकित्सकों का बहुत योगदान होता हैं।


 

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