शारीरिक रुप से सक्षम है पति तो पत्नी को देना होगा गुजारा-भत्ता : HC

शारीरिक रुप से सक्षम है पति तो पत्नी को देना होगा गुजारा-भत्ता : HC

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-11 13:34 GMT
शारीरिक रुप से सक्षम है पति तो पत्नी को देना होगा गुजारा-भत्ता : HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शारीरिक तौर से सक्षम पति को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता का भुगतान करना ही पड़ेगा। बांबे हाईकोर्ट ने नौकरी न होने के आधार पर पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इंकार करने वाले पति की याचिका खारिज करते हुए यह बात कही। पेशे से फार्मासिस्ट पति ने याचिका में दावा किया था कि उसका काम बंद हो गया है। इसलिए पत्नी को हर माह नौ हजार रुपए गुजारा भत्ता नहीं दे सकता। सोलापुर की पारिवारिक अदालत ने अपने अंतरिम आदेश के तहत पति को गुजारा-भत्ते के रुप में पत्नी को नौ हजार रुपए देने का आदेश दिया था। आदालत के आदेश को पति ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति एमएस सोनक के सामने पति की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान पति के वकील ने न्यायमूर्ति के सामने दावा किया कि उनके मुवक्किल का काम बंद हो गया है। फिलहाल उसके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है। इसलिए गुजारे भत्ते की रकम का भुगतान नहीं कर सकते।

पति की दलील, तय रकम ज्यादा

पति के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल की पत्नी काम करती है। इसलिए निचली अदालत ने गुजारा-भत्ते की जो रकम तय की, वह काफी ज्यादा है। जिसका भुगतान कर पाने में मुवक्किल असमर्थ है। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति सोनक ने पाया का पति के पास फार्मेसी में स्नातक की डिग्री है और वह दवा भी बनाता है। ऐसी शैक्षणिक योग्यता लेकर पति घर में खाली नहीं बैठ सकता है। नियमानुसार यदि पति शारीरिक तौर पर सक्षम है और वह खुद को व्यवस्थित रखता है तो उसे पत्नी को गुजारा-भत्ते का भुगतान करना ही पड़ेगा। याचिका दायर करने वाले पति की किन परिस्थितियों के कारण कमाई बंद हुई है, वह अभी भी अस्पष्ट है। इस तरह से न्यायमूर्ति ने निचली अदालत की ओर से दिए गए गुजारेभत्ते के आदेश को कायम रखते हुए पति की याचिका को खारिज कर दिया।

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