दाभोलकर-पानसरे हत्याकांड : अदालत की फटकार - न्याय व्यवस्था से लोगों का भरोसा न उठ जाए

दाभोलकर-पानसरे हत्याकांड : अदालत की फटकार - न्याय व्यवस्था से लोगों का भरोसा न उठ जाए

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-13 15:23 GMT
दाभोलकर-पानसरे हत्याकांड : अदालत की फटकार - न्याय व्यवस्था से लोगों का भरोसा न उठ जाए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर व गोविंद पानसरे की हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार की खोज में लग रहे समय व मुकदमे की शुरुआत में हो रहे विलंब पर सीबीआई व सीआईडी को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि साल 2013 में दाभोलकर की जबकि साल 2015 में पानसरे की हत्या की गई थी। इस लिहाज से देखा जाए तो एक मामले में सात साल व और दूसरे मामले में पांच साल का वक्त बीत चुका है। इसके बाद भी जांच ऐजेंसियों की जांच जारी है। इसलिए पता नहीं मुकदमे की शुरुआत कब होगी।

वर्तमान में आपराधिक न्याय व्यवस्था की साख दांव पर लगी हुई है, इसलिए ऐसा कुछ न किया जाए कि लोगों का बचा हुआ भरोसा भी इस व्यवस्था से खत्म हो जाए। न्याय देने में किसी भी स्थिति में विफलता नहीं होनी चाहिए।  हाईकोर्ट में दाभोलकर व पानसरे के परिजनों की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। सीबीआई हथियार की तलाश में लगी जबकि स्टेट सीआईडी का विशेष जांच दल(एसआईटी) पानसरे मामले में फरार आरोपी की तलाश कर रहा हैं। कम से कम जो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, उनके खिलाफ तो मुकदमे की शुरुआत हो। इस तरह से कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए सीबीआई व सीआईडी को कड़ी फटकार लगाई।

न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने कहा कि जांच ऐजेंसियों को यह नहीं भूलना चाहिए की आरोपी के भी कुछ अधिकार होते हैं। कानून में यह धाराणा है कि जब तक किसी आरोपी पर आरोप साबित नहीं हो जाता, तब तक वह बेगुनाह होता है। आरोपी को मुकदमे की सुनवाई की शुरूआत के लिए अंतहीन समय तक इंजतार नहीं कराया जा सकता है। तेजी से सुनवाई पाना आरोपी का हक होता है। इससे पहले सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडीशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि हथियार खोजने का काम करीब-करीब पूरा हो गया सिर्फ एक छोटे से हिस्से में तलाशी अभियान बचा है। इस हिस्से में काफी चट्टाने हैं इसलिए इस क्षेत्र में तलाशी के लिए विदेश से उपकरण मंगाया जाएगा। यह उपकरण 15 दिन के भीतर आ जाएगा और फिर 15 दिन के भीतर तलाशी अभियान पूरा कर लिया जाएगा। इसलिए सीबीआई को और एक माह का समय दिया जाए। ठाणे स्थित कलवा की खाड़ी में दाभोलकर-पानसरे की हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार (रिवाल्वर) की तलाश का काम कई महीनों से चल रहा है।

वहीं एसआईटी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंदरगी ने कहा कि पानसरे मामले में फरार एक आरोपी की तलाश अभी भी जारी जारी है। उसे जल्द ही पकड़ने का प्रयास किया जाएगा। हमारा प्रयास रहेगा कि मामले की अगली सुनवाई तक इस प्रकरण के मुकदमे की सुनवाई की शुरुआत हो जाए। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल आपराधिक न्याय व्यवस्था की साख दांव पर लगी हुई है। इसलिए ऐसा कुछ न किया जाए कि लोगों का जो भरोसा इस व्यवस्था पर बना है वह भी खत्म हो जाए। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। सीबीआई दाभोलकर मामले की जबकि एसआईटी पानसरे मामले की जांच कर रही है। दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में और पानसरे 16 फऱवरी 2015 को कोल्हापुर में गोलीमारकर हत्या कर दी गई थी। 

 

Tags:    

Similar News