बच्चों का एग्जाम और टेंशन में पेरेन्ट्स
बच्चों का एग्जाम और टेंशन में पेरेन्ट्स
डिजिटल डेस्क, नागपुर। परीक्षाओं को लेकर इन दिनों बच्चे काफी व्यस्त चल रहे हैं। पढ़ाई में जी-जान से लगे हुए हैं। बच्चे भले ही पढ़ाई को लेकर टेंशन में हैं, उनके अभिभावक भी कम टेंशन में नहीं हैं। वे भी बच्चों की दिनचर्या और पढ़ाई पर नजरें गड़ाए बैठे हैं। कोई बच्चे का रिवीजन कराने में व्यस्त है, तो किसी को कोर्स पूरा करने का टेंशन है। खासकर बच्चों की मम्मियां पूरी तरह बच्चों पर ध्यान लगाए हुए हैं। बड़े बच्चों की पढ़ाई, तो हो जाती है, पर छोटे बच्चों को उनके मूड के हिसाब से पढ़ाना पड़ता है। बीच-बीच में उनके साथ खेलना और उनकी फेवरेट डिश भी बनानी पड़ रही है। कुल मिलाकर माता-पिता अपने समय में कटौती कर बच्चों पर खर्च कर रहे हैं।
गृहिणी दिशा ठाकुर के मुताबिक बच्चों को पढ़ाना बहुत मुश्किल है। पढ़ाई करने के लिए उनकी डिमांड भी पूरी करनी पड़ती है। मेरे बेटे अार्यन की परीक्षा मार्च के लास्ट वीक से शुरू हो रही है। कुछ ही दिनों में होली आने वाली है। उसको अभी से एग्जाम की तैयारी करानी शुरू कर दी है, ताकि वो एग्जाम में अच्छे नंबर से पास हो सके। एक-एक सब्जेक्ट की तैयारी करवा रही हंू। जो भी आंसर लर्न करता है उसे कॉपी में लिखवाना पड़ता है। लिखने की भी प्रैक्टिस करवाना जरूरी है, ताकि एग्जाम समय में वो ज्यादा आंसर कवर कर सके।
बच्चों की फरमाइश
गृहिणी शीतल सेन का कहना है कि मेरी बेटी फोर्थ क्लास में है। एग्जाम के कारण उस पर बहुत ध्यान देना पड़ रहा है। एग्जाम के समय में उसकी फरमाइश बढ़ जाती है। जब भी पढ़ाने बैठो, तो वह कुछ अलग-अलग बनाने की बात करती है। मुझे लगता है कि उसका यह टाइम महत्वपूर्ण है, इसलिए उस पर ध्यान देना होगा। उसका कोर्स कंपलीट नहीं होने के कारण कोर्स पूरा कराने में लगी हुई हूं। ऐसा लगता है कि बच्चों की नहीं, मम्मियों की परीक्षा है। पूरा ध्यान बच्चों पर ही होता है। बच्चों का ध्यान पढ़ाई में लगे, इसलिए उनकी मनपसंद डिश भी बनानी पड़ती है।