शक की निगाहों से बचने पारधी परिवार ने खुद को किया सीसीटीवी में कैद, कहा - बस अब अच्छी जिन्दगी जीना चाहते हैं
खुद पर निगरानी शक की निगाहों से बचने पारधी परिवार ने खुद को किया सीसीटीवी में कैद, कहा - बस अब अच्छी जिन्दगी जीना चाहते हैं
डिजिटल डेस्क, बीड। आमतौर पर सीसीटीवी इमारत, घर और दुकान या किसी परिसर की सुरक्षा को लेकर लगाए जाते हैं, लेकिन आष्टी तहसील के शिरूर गांव में रहने वाले एक पारधी परिवार ने अपनी खुद की निगरानी के लिए ही सीसीटीवी कैमेरे लगा लिए, जिससे उनके परिवार की गतिविधियां हर पल कैमरे में कैद होती रहें और किसी तरह का अपराध होने पर शक की सुई उनके ऊपर नहीं उठे। आमतौर पर पारधी समाज को अपराधिक गतिविधियों की नजर से देखा जाता है, कहीं कुछ होता है तो शक की सुई घूम जाती है, कभी महाराष्ट्र में पारधी की पहचान सामुदायिक सुरक्षा कर्मी और शिकारी के रूप में हुआ करती थी। कई जिलो में पारधी समुदाय की बसाहट है।
विमुक्त संगठन के समन्वयक अरूण जाधव भटके ने बताया कि हमारे पारधी समुदाय को दूसरे समाज की तरह जीवन बिताने का अधिकार है, हम अपराधी नही हैं, हमें जब भी कोई अपराधी कहकर तंग करेगा, उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाएंगे।
परिवार पर लगा अपराधी टैग हटाना है
परिवार की सदस्य अर्चना काले के मुताबिक जब हम घर में एक साथ रहते हैं, तभी पुलिस आकर पूछताछ करती है, लेकिन अब घर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे हैं, जिनकी हम पर नजर है। हम अब सुरक्षित मसहूस कर रहे हैं।
शामल काले पारधी परिवार का मकान खेत में बना है। वे दो एकड़ जीमन में खेती करते हैं। बच्चे भी अच्छी शिक्षा ले रहे हैं, लेकिन जब गांव में कहीं भी चोरी होती है, तो पूछताछ के दौरान परिवार के सदस्यों परेशान किया जाता है। फिर पुलिस अदालत में पेश कर देती है। आरोप लगाया जाता है कि गांव में होने वाली चोरियों को अंजाम परिवारवालों ने ही दिया हैं, इस बीच कोई सच सुनने समझने की कोशिश नहीं करता। परिवार के सदस्य शामल काले ने कहा कि हमारे पुर्वजों के खिलाफ कई मामले दर्ज थे। शामल काले के मुताबिक दादा- नाना शिकारी हुआ करते थे। उनके खिलाफ बीड, अहमदनगर, जालना पुलिस थानों में अपराधिक मामले दर्ज हैं, उनका देहांत हुए काफी समय हो गया, अपराधियों की सूची देकर पुलिस शक की बिनाह पर कई बार मुझे थाने ले जा चुकी। मै दसवीं कक्षा में पढ़ाता हूं, खेत में मेहनत करता हूं, तब जाकर परिवार का पेट पलता है। मुझे पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी करनी है और अपने परिवार का ध्यान रखना है, ऐसे में अब कोई परेशान न करे, इसलिए सीसीटीवी कैमरे लगवा लिए हैं। हम एक अच्छी जिन्दगी जीना चाहते हैं। हमें शक की नजर से न देखा जाए और न ही बिना किसी सबूत गिरफ्तार किया जाए।
लोगों की बेरुखी से परेशान इस पारधी परिवार ने अपने घर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगा दिए। परिवार के सदस्यों का कहाना है कि जब कोई हमे कहता है तो अच्छा नहीं लगता, हम कोई चोर नहीं है। पारधी परिवार ने अपनी खुद की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमेरे लगा लिए, जिससे उनकी गतिविधियां कैमरे में कैद होती रहेंगी, तांकि किसी को परिवार पर शक हुआ, तो वह फुटेज खंगाल सकता है, परिवार ने अपनी सुरक्षा नहीं बल्कि निगरानी के लिए कैमरे लगा दिए हैं।