पानसरे हत्याकांड : दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने पर रोक बरकरार
पानसरे हत्याकांड : दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने पर रोक बरकरार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे के हत्या के मामले में दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पर लगी रोक को 23 फरवरी तक बरकरार रखा है। रोक का आदेश देते समय न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे ने कहा कि हमे आरोपियों के अधिकार और पीड़ित परिवार के अधिकार के बीच में संतुलन बनाए रखना चाहिए। मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है, इसलिए निचली अदालत को इस मामले के मुकदमे की सुनवाई करने से रोका जाए। हाईकोर्ट ने 2016 में इस मुकदमे की सुनवाई पर अंतरिम रोक लगाई थी। जिसे हाईकोर्ट ने गुरुवार को बरकरार रखा। याचिका में सरकार ने कहा है कि मामले की जांच कर रही एसआईटी इस बात का पता लगाने में जुटी है कि पानसरे व सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर के मामले में कोई संबंध तो नहीं है।
शूटर और साजिश रचनेवाले अभी भी फरार
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अशोक मुंदरगी ने कहा कि पानसरे मामले के शूटर और साजिश रचनेवाले अभी भी फरार है। विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच प्रगति पर है। इस प्रकरण को लेकर हमे जो फोरेंसिक रिपोर्ट मिली है उसमे पानसरे व दाभोलकर मामले का एक दूसरे से लिंक होने के संकेत मिले हैं। इसलिए हमारा अनुरोध है कि मुकदमे की सुनवाई पर लगी रोक को बरकरार रखा जाए। वहीं इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी विरेंद्र तावडे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता संजीव पुनालेकर ने कहा कि मेरे मुवक्किल 2016 से जेल में है। उसके शीघ्रता से न्याय पाने के अधिकार का संरक्षण होना चाहिए। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि हमे इस मामले में पीड़ित परिवार के अधिकारों को भी सरंक्षण देना है। यह कहते हुए न्यायमूर्ति ने मामले की सुनवाई 23 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।