नागपुर में हैं आकर बसे हैं 20 हजार पाकिस्तानी, नागरिकता बिल पास होने पर जश्न
नागपुर में हैं आकर बसे हैं 20 हजार पाकिस्तानी, नागरिकता बिल पास होने पर जश्न
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागरिकता बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होते ही शहर के कुछ क्षेत्रों में जश्न का माहौल रहा। जरीपटका में मिठाइयां बांटी गईं और आतिशबाजी की गई। कुछ इसी तरह का माहौल मध्य नागपुर क्षेत्र में मोमिनपुरा में भी रहा। वर्षों पहले इन क्षेत्रों में शहर पुलिस और एटीएस ने बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। फॉर्नर एक्ट के तहत उन्हें पकड़ा गया था। उनकी गतिविधियां संदिग्ध होना बताया जाता रहा है। ऐसी कार्रवाई वर्ष में कई बार हुई है। इसकी चपेट में आने वाले लोगों ने बिल पास होने से राहत की सांस ली है।
एजेंट के जरिए पहुंचे भारत
तत्कालीन डीआईजी प्रभात कुमार के नेतृत्व में शहर पुलिस ने मध्य नागपुर क्षेत्र मोमिनपुरा में 32 बांग्लादेशियों को पकड़ा था, जिसमें 15 पुरुष, 9 महिला और शेष बच्चे थे। इसके बाद अप्रैल और अगस्त 2009 में आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) ने कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई भी मोमिनपुरा में ही हुई थी। उस वक्त 25 बांग्लादेशियों को पकड़ा गया था। 3 अगस्त 2010 को एटीएस ने ही 28 बांग्लादेशियों को पकड़ा था। पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ था कि रोजी-रोटी की तलाश में ये लोग एजेंट के जरिए भारत की सीमा में घुस आए थे। इसमें कुछ लोग मध्य प्रदेश गए, जबकि कुछ महाराष्ट्र के नागपुर शहर में रुके रहे। होटलों में खाना बनाने से लेकर अन्य काम करते थे।
मनाई गई दिवाली
तलाशी के दौरान कुछ लोगों के पास यहां के निवासी होने का प्रमाण-पत्र के तौर पर राशन कार्ड और इलेक्शन कार्ड िमले थे, हालांकि यह दस्तावेज गैर कानूनी थे। इससे बगैर अनुमति से भारत में घुस आने के कारण उन लोगों के खिलाफ घुसपैठिए के तौर पर फॉर्नर एक्ट समेत विविध धाराओं के तहत कार्रवाई की गई थी। समय-समय पर हुई कार्रवाई के दौरान पाकिस्तानी नागरिक भी पुलिस के हाथ लगे थे। संदिग्ध गतिविधियां बताते हुए पुलिस ने उन पर भी कड़ी कार्रवाई की थी, लेकिन नागरिकता बिल पास होने से इन लोगों ने राहत की सांस ली है, जिसके चलते, मोमिनपुरा, टेका नाका, जरीपटका आदि हिस्सों में पटाखे फोड़कर और िमठाइयां बांटकर जश्न मनाया गया है। एक तरह से इन लोगों ने दिवाली मनाई है।
काफी परिवार यहां आकर बस गए हैं
देश का बंटवारा होने के बाद कई परिवार भारत में आकर बसे हैं। उनमें से लगभग 20 हजार सिंधी समुदाय के लोग नागपुर में होने की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता शंकर गुलानी ने दी है। उन्होंने यह भी बताया की बिल पास होने की खुशी में कई लोगों ने दिवाली जैसा जश्न मनाया है।