चेक बाउंस मामले में 26 करोड़ का मुआवजा देने का आदेश, 6 को एक-एक साल की सजा

चेक बाउंस मामले में 26 करोड़ का मुआवजा देने का आदेश, 6 को एक-एक साल की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-19 15:14 GMT
चेक बाउंस मामले में 26 करोड़ का मुआवजा देने का आदेश, 6 को एक-एक साल की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उल्हासनगर की सत्र न्यायालय ने चेक बाउंस मामले में एक रियल इस्टेट कंपनी के 6 भागीदारों को एक साल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने शिकायत को 26 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया है। उल्हासनगर के प्रथम श्रेणी मैजिस्ट्रेट आरडी चौगुले ने विनायक इंटरप्राजेज नामक कंपनी सभी 6 भागीदीरों में से प्रत्येक को 3,73,21,500 रुपए शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि उपरोक्त रकम न देने पर और तीन महीने जेल में रहना पड़ेगा।


कंस्ट्रक्शन कंपनी माधव कंस्ट्रक्शन के मालिक की शिकायत

शिकायतकर्ता गोपे कल्याण की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी माधव कंस्ट्रक्शन के मालिक माधवदास रोचलानी ने अदालत में शिकायत की कि आरोपियों ने मई 2006 में उनके साथ एक एग्रीमेंट किया था। इसके तहत 85 करोड़ रुपए में 60 एकड जमीन पर निर्माण कार्य के लिए रोचलानी ने अधिकार हासिल किया था। रोचलानी ने 8.5 करोड़ रुपए की पहली किश्त आरोपियों को दे दी लेकिन बाद में आरोपियों ने यह सौदा रद्द कर दिया और कहा कि उनका पैसा लाभ के साथ वापस कर दिया जाएगा।


अक्टूबर 2008 में 16.50 करोड़ के दो चेक बाउंस

उन्होंने अगस्त और अक्टूबर 2008 में 16.50 करोड़ के दो चेक रोचलानी को दिए। लेकिन दोनों चेक बाउंस हो गए। इसके बाद रोचलानी ने अदालत में आवेदन दायर किया। अदालत ने कहा कि फिक्स्ड डिपॉजिट पर राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा दिए गए ब्याज की दर को देखते हुए शिकायतकर्ता को 26,12,50,500 रुपए का मुआवजा देना उचित होगा। आरोपियों को इसके पहले बांद्रा मैजिस्ट्रेट कोर्ट से भी चेक बाउंस के मामले में सजा हो चुकी है। अदालत ने कहा कि इस लिए ये किसी तरह की रियायत के हकदार नहीं हैं। 


सुनवाई में फैसला

सत्र न्यायालय ने चेक बाउंस मामले में 6 भागीदारों को एक साल की सजा सुनाई दी। सुनवाई के दौरान अदालत ने शिकायत को 26 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया। आदेश में कहा गया कि उपरोक्त रकम न देने पर और तीन महीने जेल भुगतनी पड़ेगी।

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