स्कूलों को 30 अप्रैल तक शुरू रखने संबंधी आदेश होगा रद्द 

स्कूलों को 30 अप्रैल तक शुरू रखने संबंधी आदेश होगा रद्द 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-28 13:01 GMT
स्कूलों को 30 अप्रैल तक शुरू रखने संबंधी आदेश होगा रद्द 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। तावडे ने कहा कि राज्य में कक्षा पहली से कक्षा नौवीं तक के स्कूलों को 30 अप्रैल तक शुरू रखने के लिए महाराष्ट्र विद्या प्राधिकरण की तरफ से जारी आदेश को रद्द किया जाएगा। तावडे ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार प्राधिकरण ने यह फैसला लिया था। लेकिन विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए फैसले को रद्द किया जाएगा। तावडे ने कहा कि प्राधिकरण से कहा जाएगा कि यदि जरूरी हुआ तो अप्रैल महीने के कार्यक्रम को नए शैक्षणिक वर्ष जून में लागू किया जाएगा। इससे पहले पुणे के विद्या प्राधिकरण ने स्कूलों को 30 अप्रैल तक अध्ययन और अध्यापन का काम जारी रखने को लेकर आदेश जारी किया था। इसको लेकर अभिभावकों व शिक्षकों ने नाराजगी जताई थी। 

शिक्षकों से मांगी माफी 
तावडे ने मुंबई के शिक्षकों का वेतन गुढी पाढ़वा से पहले नहीं दे पाने को लेकर माफी मांगी। शिक्षामंत्री ने कहा कि मुंबई के शिक्षकों का वेतन देने में देरी हुई है। इसके लिए मैं माफी मांगता हूं लेकिन इसके लिए केवल मैं जिम्मेदार नहीं हूं। मैंने फरवरी महीने का वेतन मुंबई जिला सहकारी बैंक के माध्यम से देने के लिए तैयार था लेकिन शिक्षक विधायक पाटील ने हठ करके बैठे गए कि उन्हें शिक्षकों का वेतन यूनियन बैंक के माध्यम से होना चाहिए।  

तावडे को रास नहीं आ रही CM-कपिल पाटील की नजदीकी 
विधान परिषद में जेडीयू के सदस्य कपिल पाटील और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच की करीबी प्रदेश के शिक्षा मंत्री विनोद तावडे को नागवार गुजर रही है। आखिरकार तावडे की नाराजगी जुबान पर आ गई। तावडे ने कहा कि शिक्षक विधायक पाटील छोटी-छोटी बातों को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास पहुंच जाते हैं। मुख्यमंत्री पाटील के पत्रों पर नोटिंग करते हैं। तावडे ने यहां तक कह दिया कि मैंने पहला मुख्यमंत्री देखा जो किसी विधायक के पत्र पर सीधे शिक्षा उपनिदेशक को नोटिंग करता है। 

इस बीच सदन के उपसभापति माणिकराव ठाकरे ने कहा कि आप क्या कहना चाहते हैं कि कैबिनेट मंत्री का मुख्यमंत्री पर विश्वास नहीं है। इस पर तावडे ने कुछ जवाब दिए बिना अपने भाषण को आगे जारी रखा। दरअसल बुधवार को तावडे सदन में राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर हुई चर्चा पर जवाब दे रहे थे। इसी दौरान तावडे ने कहा कि शिक्षक विधायकों को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहीद दिवस और जयंती की तारीख भले ही याद न हो लेकिन शिक्षा विभाग के शासनादेश की तारीख बराबर याद रहती है। 

शहीदों को नमन करने के लिए विज्ञापन तक नहीं दिया 
तावडे के इस बयान पर विधायक पाटील ने कहा कि इस बार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की पुण्यतिथि पर 23 मार्च को सरकार ने तीनों को नमन करने के लिए विज्ञापन तक नहीं दिया। इसलिए तावडे को शिक्षक विधायकों के बजाय अपनी सरकार से सवाल पूछना चाहिए। इसके जवाब में तावडे ने कहा कि विज्ञापन देने संबंधी विभाग मुख्यमंत्री के पास है। विधायक पाटील मुख्यमंत्री के पास बार-बार जाते हैं। पाटील यदि मुख्यमंत्री को विज्ञापन के बारे में याद दिला देते तो यह नौबत ही नहीं आती। इस दौरान तावडे ने कहा कि औरंगाबाद के मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच कराई जा रही है। अगले दो महीने में जांच रिपोर्ट आ जाएगी। इसके आधार पर कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि विधायक पाटील व शिक्षामंत्री तावडे के बीच छत्तीस का आकड़ा है। 
 

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