सवाल न उठाने के लिए विपक्ष पर लगे पैसे मांगने के आरोप, आक्रामक हुआ सत्तापक्ष

सवाल न उठाने के लिए विपक्ष पर लगे पैसे मांगने के आरोप, आक्रामक हुआ सत्तापक्ष

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-01 14:33 GMT
सवाल न उठाने के लिए विपक्ष पर लगे पैसे मांगने के आरोप, आक्रामक हुआ सत्तापक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानमंडल में सवाल न उठाने के लिए पैसे मांगने के विपक्षी नेताओं पर लगे कथित आरोप के बाद सत्तापक्ष गुरूवार को आक्रामक नजर आया। प्रश्नकाल शुरू होते ही सत्तापक्ष के सदस्यों ने विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान भाजपा के सदस्य पोस्टर भी लहराते रहे। भाजपा विधायक अनिल गोटे ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है।

गोटे ने बताया लोकतंत्र का अपमान, न्यायिक जांच कराने की मांग

अनिल गोटे ने कहा कि इसकी न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। गोटे ने दावा किया कि उन्होंने एक और सीडी सुनी है। जिसमें एक शख्स को विरोधी पक्ष के नेता के यहां से फोन जाता है और कहा जाता है कि आपका सवाल लगने वाला है। ऑफिस आकर बात करो। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का अपमान है। गोटे ने कहा कि धनंजय मुंडे ने ही विधानसभा के बाहर जाकर झूठ बोला कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान गुजराती सुनाई दे रही थी। राजनीति का इस स्तर पर चले जाना सबके लिए शर्मनाक है।

सीडी में नेता और एक अधिकारी के नाम का उल्लेख 

गोटे ने हाईकोर्ट के जज से मामले की जांच की मांग की। सत्ता पक्ष के सदस्यों की नारेबाजी के बीच विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद शोरशराबे के बीच वरिष्ठ राकांपा नेता अजित पवार ने कहा कि जिस सीडी का उल्लेख किया जा रहा है, उसमें नेताओं और एक अधिकारी के नाम का उल्लेख तो है। लेकिन इनमें से किसी की आवाज नहीं है। उन्होंने कहा कि राकांपा भी मांग करती है कि मुख्यमंत्री की अगुआई में पांच सदस्यीय दल इसकी जांच करे और सच्चाई सामने लाए। सत्तापक्ष के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी जारी रखी, तो कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

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