सीएसआईआर-नीरी में वन वीक-वन लैब अभियान का उद्घाटन - 40 साल मेें काफी बदलाव होगा
आम लोगों पर ध्यान सीएसआईआर-नीरी में वन वीक-वन लैब अभियान का उद्घाटन - 40 साल मेें काफी बदलाव होगा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. वैज्ञानिकों द्वारा हमेशा ही नए-नए प्रयोग, अनुसंधान किए जाते हैं। ऐसा करते समय उसकी उपलब्धता सामान्य लोगों को आसानी से हो सके, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। वाजिब मूल्य पर सामान्यजनों को अनुसंधान का लाभ मिलना चाहिए। ऐसा आह्वान केंद्रीय विज्ञान व तकनीक विभाग के सचिव एस. चंद्रशेखर ने किया है। सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-नीरी) नागपुर द्वारा 65वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में 8 से 13 अप्रैल तक ‘वन वीक-वन लैब’ अभियान चलाया जाएगा। शनिवार को इसका उद्घाटन एस. चंद्रशेखर के हाथों हुआ। इस अवसर पर सीएसआईआर-नीरी के संचालक डॉ. अतुल वैद्य प्रमुखता से उपस्थित थे।
जीपीटी तकनीक वैज्ञानिकों के लिए चुनौती
डॉ. एस. चंद्रशेखर ने कहा कि जीपीटी जैसी तकनीक ने वैज्ञानिकों को सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। ऐसी तकनीक का जीवन पर क्या असर पड़ सकता है, उसके परिणाम व दुरुपयोग को लेकर सतर्क रहते हुए अनुसंधान करना जरूरी हो चुका है। ‘वन वीक-वन लैब’ कार्यक्रम केवल साप्ताहिक न होकर निरंतर चलने वाली प्रक्रिया होनी चाहिए। वैज्ञानिकों को समय निकालकर स्कूल-कॉलेजों में जाकर विज्ञान से जीवन में बदलाव विषय पर मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि विज्ञान क्षेत्र में काफी प्रगति हो रही है। आगामी 40 साल मेें काफी बदलाव दिखाई देगा। प्रदूषण रोकने व पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर मार्गदर्शन किया। प्रास्ताविक डॉ. अतुल वैद्य ने रखा। उन्होंने सीएसआईआर-नीरी के विविध कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘वन वीक-वन लैब’ अभियान अंतर्गत पर्यावरण क्षेत्र से जुड़े विविध लोगों से चर्चा की जाएगी।
एक्सेलेंस सेंटर का उद्घाटन
कार्यक्रम के दौरान नव निर्मित सेंटर फॉर एक्सलेंस का उद्घाटन किया गया। वैज्ञानिक डॉ. साधना रायलु ने सेंटर की जानकारी दी। कार्यक्रम में वार्षिक रिपोर्ट का प्रकाशन किया गया। उद्घाटन के बाद महिला सक्षमीकरण, हरित विकास आदि विषयों पर परिसंवाद आयोजित किया गया। रविवार को सुबह 10.30 से 4.30 बजे तक विविध कार्यक्रम होंगे। इस दिन सामान्यजनों को प्रवेश दिया जाएगा। उन्हे नीरी को करीब से जानने का अवसर दिया जाएगा। 13 अप्रैल तक प्रतिदिन विज्ञान व तकनीक पर आधारित विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।