सरकार ने 'मराठा आरक्षण' के लिए किए एक करोड़ रुपए मंजूर
सरकार ने 'मराठा आरक्षण' के लिए किए एक करोड़ रुपए मंजूर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में मराठा समाज को आरक्षण देने से जुड़े कामकाज पर होने वाले खर्च के लिए एक करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। राज्य सरकार की तरफ से साल 2017-18 के लिए राज्य पिछड़ावर्ग आयोग और सारथी मार्गदर्शन समिति और अन्य कार्यवाही के लिए यह निधि दी जा रही है। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने आकस्मिक निधि से यह राशि देने की स्वीकृति प्रदान की है। शुक्रवार को प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय विभाग की तरफ से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया।
प्रशिक्षण संस्था को राशि उपलब्ध
इसके अनुसार संबंधित संस्थाओं को निधि की तत्काल आवश्यकता होने के कारण पुणे के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर संशोधन व प्रशिक्षण संस्था को राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इससे पहले आघाड़ी सरकार के दौरान तत्कालीन उद्योग मंत्री नारायण राणे की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। राणे समिति ने मराठा समाज को पिछड़े वर्ग में शामिल करने के बारे में समीक्षा कर सिफारिश की थी। आघाड़ी सरकार के समय मराठा समाज की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ेपन के बारे में जिलाधिकारियों के माध्यम से सर्वेक्षण कराया गया था। सर्वेक्षण व कार्यालय के खर्च के लिए सरकार की तरफ से साल 2014 में 10 करोड़ रुपए और साल 2017 में 1 करोड़ 80 लाख रुपए दिए गए थे।
मराठा समाज का आदोलन
इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में मराठा समाज के युवाओं में बेचैनी है। इस कारण मराठा समाज की तरफ से राज्य भर में अभूतपूर्व मोर्चा निकाला गया था। इस मोर्चे के जरिए मराठा समाज का विराट रूप देखने को मिला था। इसे देखकर राज्य सरकार नतमस्तक हुई। इसके कारण ही सरकार ने समाज के लिए विभिन्न फैसले लिए। एलफिन्स्टन के कामगार मैदान में मराठा सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जहां मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश सरकार के लिए मराठा आरक्षण का मुद्दा महत्वपूर्ण है। मराठा समाज के आरक्षण के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं। आरक्षण के लिए अदालत में भी सरकार मजबूती से पक्ष रखेगी।